Driving School: ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूलों के मानकों में हुआ बदलाव, खामी मिलने पर निरस्त होगा लाइसेंस
Driving School अब सरकार ने इन ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूलों के मानकों में बदलाव किया है। व्याख्यान कक्ष सेमुलेटर कक्ष मॉडल चार्ट व उपकरण आदि के लिए कितनी जगह होनी चाहिए इसे बताया गया है। संभागीय परिवहन विभाग द्वारा स्कूलों के संचालकों को नोटिस दिया गया है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। इन दिनों लगातार सड़क हादसों में इजाफा हो रहा है। हर दिन सड़क हादसे में न जाने कितने लोग अपने किसी खास को हमेशा-हमेशा के लिए खो देते हैं। जांच में पता चलता है कि लापरवाही से वाहन चलाने से सड़क हादसे ज्यादा हो रहे हैं। किसी ने गलत साइड से वाहन निकालने की कोशिश की तो किसी ने अचानक मोड़ पर गाड़ी घुमा दिया। यह इसलिए होता है कि क्योंकि चालक गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण नहीं लिए होते हैं, या फिर प्रशिक्षण केंद्र द्वारा खानापूर्ति की जाती है। इसलिए अब ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूलों के मानक में बदलाव किया गया है।
जनपद में नौ ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल हैं। यहां भारी व हल्के वाहन को चलाने के लिए लोगों को प्रशिक्षण दिया जाता है। इसमें मानकों की अनदेखी की जाती है। प्रशिक्षण के लिए इनके पास कोई मैदान नहीं है। परेड या सूबेदारगंज रेलवे स्टेशन के पास वाहन चलाने की ट्रेनिंग दी जाती है।
व्याख्यान कक्ष छोटे से कमरे में चलाकर औपचारिकता पूरी होती है। ट्रेनिंग सेंटर में गाड़ी चलाने की ट्रेनिंग खाली जगहों पर दी जाती है। हाईवे, कस्बे, भीड़-भाड़ वाले स्थान पर कितने गति से वाहन चलाना है, इस बारे में भी नहीं बताया जाता। यही वजह रहती है कि कुशल चालक तैयार नहीं हो पाते।
ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूलों के मानकों में हुआ बदलाव
अब सरकार ने इन ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूलों के मानकों में बदलाव किया है। व्याख्यान कक्ष, सेमुलेटर कक्ष, मॉडल चार्ट व उपकरण आदि के लिए कितनी जगह होनी चाहिए, इसे बताया गया है। संभागीय परिवहन विभाग द्वारा स्कूलों के संचालकों को नोटिस दिया गया है। छह माह में सरकार द्वारा जारी किए गए मानकों को पूरा किया जाए। इसके बाद जांच की जाएगी। इसमें सब कुछ दुरुस्त न पाए जाने पर एक और मौका दिया जाएगा और फिर भी बदलाव नहीं हुआ तो लाइसेंस निरस्त किया जाएगा।
यह होनी चाहिए आधारभूत मानक
संरचना कक्षा: स्वागत कक्ष, कार्यालय, इंटरनेट कनेक्शन, कंप्यूटर व प्रिंटर।
क्षेत्रफल : 180 वर्ग फीट, व्याख्यान कक्ष (30 व्यक्तियों की क्षमता का फर्नीचर, कंप्यूटर, प्रोजेक्टर युक्त) , 300 वर्ग फीट माडल चार्ट व उपकरण , 300 वर्ग फीट मुलेटर कक्ष हल्के और भारी, 150-200 वर्ग फीट ।
पार्किंग : सभी प्रकार के वाहनों के लिए अलग-अलग
शौचालय : महिला व पुरुषों के लिए अलग-अलग
ट्रेनिंग स्कूल रखें इन बातों का ध्यान
- ट्रेनिंग स्कूल के वाहनों में दोनों तरफ ट्रेनिंग स्कूल का नाम, पता, थाना, मोबाइल नंबर लिखा होना चाहिए।
- रिफ्लेक्टिव टेप लगा होना चाहिए।
- वाहन में पंजीयन, प्रदूषण, बीमा, फिटनेस, रोड टैक्स प्रमाण पत्र के साथ प्रशिक्षक का ड्राइविंग लाइसेंस होना चाहिए। नए मोटर ड्राइविंग स्कूल में पहली बार प्रशिक्षण के लिए आने वाले वाहन 12 वर्ष से अधिक पुराने नहीं होने चाहिए। यह 20 वर्ष तक ही चलेंगे।
- ड्राइविंग स्कूल संचालकों द्वारा नियमों के मुताबिक सभी सावधानियों का पालन करना होगा।
मानकों की होगी जांच
एआरटीओ प्रशासन राजीव चतुर्वेदी ने कहा है कि ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूलों के मानकों में शासन द्वारा बदलाव किया गया है। मानकों को पूरा करने के लिए स्कूल संचालकों को नोटिस दिया गया है। तय समय बाद स्थानीय जांच होगी और इसमें खामी मिलने पर लाइसेंस भी निरस्त किया जाएगा।