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    नाश्ते की प्लेट भी महंगी, समोसा, कचौड़ी, ब्रेड पकौड़ा, आलू चाप, दमालू-सेव का बढ़ गया दाम

    By Ankur TripathiEdited By:
    Updated: Sat, 14 May 2022 03:51 PM (IST)

    इस महंगाई से सबसे ज्यादा परेशान वे हजारों छात्र हैं जो यूपी समेत दूसरे राज्यों से यहां आकर यूनिवर्सिटी समेत अन्य महाविद्यालयों में पढ़ाई के अलावा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। ज्यादातर छात्रों के सुबह का नाश्ता या कहिए भोजन समोसे और ब्रेड पकौड़े ही होते हैं

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    ज्यादातर छात्रों के सुबह का नाश्ता या कहिए भोजन समोसे और ब्रेड पकौड़े ही होते हैं

    प्रयागराज, जागरण संवाददाता। सुबह के नाश्ते पर भी महंगाई की नजर लग गई है। पिछले दिनों बढ़े घरेलू व व्यावसायिक सिलेंडर की कीमतों का असर अब दिखने लगा है। सिलेंडर के दामों में वृृद्धि के कारण छोटे-ठेले खोमचे वालों ने खाने पीने की चीजों के दाम को बढ़ा दिया है। ऐसे में आम लोगों के सामने एक और समस्या खड़ी हो गई है। सबसे ज्यादा परेशान वे लाखों छात्र हैं जो यूपी समेत दूसरे राज्यों से यहां आकर यूनिवर्सिटी समेत अन्य महाविद्यालयों में पढ़ाई के अलावा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। ज्यादातर छात्रों के सुबह का नाश्ता या कहिए भोजन समोसे और ब्रेड पकौड़े ही होते हैं लेकिन अब यह उनके लिए महंगा साबित हो रहा है।

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    गैस, रिफाइंड आयल, मैदा महंगा होने से बढ़ा दाम

    समोसे, कचौड़ी, ब्रेड पकौड़े, आलू चाप, जलेबी छोटे दुकानों पर मिलने वाले सभी चीजें महंगाई की मार का शिकार हो गई है। एजी आफिस के सामने चाय समोसा का दुकान चलाने वाले पवन गुप्ता का कहना है कि पिछले कई दिनों से रोजमर्रा की सभी चीजाें की कीमत बढ़ गई है। रिफाइंड से लेकर ब्रेड और मैदा तक सभी की कीमतें आसमान छू रही है। ऐसे में कोई विकल्प नहीं होने के कारण सामानों के दाम को बढ़ाना छोटे दुकानदारों की मजबूरी हो गई है। क्योंकि ठेले पर काम करने वाले लड़के से लेकर अपने परिवार सभी को देखना होता है। उन्होंने कहा कि महंगाई सबके लिए बराबर की बढ़ी है। सिर्फ बड़े दुकानदारों के लिए नहीं। अगर चीजों के दाम नहीं बढ़ाए गए तो परिवार के सामने खाने तक की समस्या खड़ी हो सकती है।

    डेलीगेसी के छात्रों के लिए पेट भरना हो गया भारी

    चाय-नाश्ता महंगा होने का सबसे ज्यादा प्रभाव उन हजारों हजार छात्रों पर पड़ रहा है यूपी के अलावा एमपी, बिहार से यहां पढ़ाई के लिए आए और किराए के कमरों में रहते हैं। छोटा बघाड़ा के लाज में रहने वाले वैभव यादव का कहना है कि समोसा, ब्रेड पकौड़ा, दमालू सेव महंगा होने से उनके लिए मुश्किल पैदा हो गई है। ज्यादातर छात्र कमजोर आय वर्ग के हैं जो गांव से यहां अधिकारी बनने का सपना लेकर आए हैं। उनके लिए तो लाज का किराया ही भारी पड़ता है। अब नाश्ता महंगा होने से पेट भरना भी कठिन होता जा रहा है।