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    स्कूलों का Book Bank अभिभावकों को आर्थिक बोझ से बचाएगा, प्रधानाचार्य बोले- नई किताबें लेने का दबाव नहींं

    अभिभावकों को आर्थिक बोझ से बचाने के लिए कुछ स्कूलों ने बुक बैंक बनाया है। इसमें जो विद्यार्थी पास होकर अगली कक्षा में जा रहे हैं वह अपनी पुस्तकें जमाकर सकते हैं। ये पुस्तकें विद्यालय के अन्य जरूरतमंद विद्यार्थियों को दी जाएंगी।

    By Ankur TripathiEdited By: Updated: Mon, 28 Mar 2022 08:10 AM (IST)
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    अभिभावकों को आर्थिक बोझ से बचाने के लिए कुछ स्कूलों ने बुक बैंक बनाया

    प्रयागराज, जेएनएन। नए सत्र में अभिभावकों को आर्थिक बोझ से बचाने के लिए कुछ स्कूलों ने बुक बैंक बनाया है। इसमें जो विद्यार्थी पास होकर अगली कक्षा में जा रहे हैं वह अपनी पुस्तकें जमाकर सकते हैं। ये पुस्तकें विद्यालय के अन्य जरूरतमंद विद्यार्थियों को दी जाएंगी। विद्यार्थी चाहें तो स्वयं अपनी पुरानी पुस्तकों को विद्यार्थियों को दे सकते हैं। स्कूलों के प्रधानाचार्यों का यह भी कहना है कि किसी भी विद्यार्थी पर नई किताब खरीदने का दबाव नहीं है।

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    जो बच्चे पुस्तक जमा करेंगे वह भी बदले में ले सकते हैं किताबें

    महर्षि पतंजलि विद्या मंदिर की प्रधानाचार्य सुष्मिता कानूनगो ने बताया कि उनके विद्यालय में करीब 150 बच्चों ने पुरानी किताबाें को जमा किया है। यह किताबें जरूरतमंद विद्यार्थियों को उपलब्ध करा दी जाएंगी। सेंट मेरीज कान्वेंट की प्रधानाचार्य सिस्टर ज्योति ने बताया कि अभिभावकों को संदेश भेज दिया गया है कि बच्चों की पुस्तकें स्कूल के बुक बैंक में जमा करा सकते हैं। बदले में उनके बच्चों को भी पुस्तकें बुक बैंक से दी जाएंगी।

    गंगा गुरुकुलम विद्या मंदिर की प्रधानाचार्य अल्पना डे, ज्वाला देवी सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज के प्रधानाचार्य विक्रम बहादुर सिंह परिहार, रानी रेवती देवी सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज के प्रधानाचार्य बांके बिहारी पांडेय ने भी विद्यालय में बुक बैंक के संचालन की जानकारी दी। सेंट जोसफ स्कूल के प्रधानाचार्य फादर थामस कुमार ने बताया कि पुरानी किताबें विद्यालय में जमा कराई जा सकती हैं लेकिन इस बार सभी विद्यार्थियों को पिछली कक्षाओं का रिवीजन कराया जाएगा। उस रिवीजन के बाद किताबें जमा की जाएं तो बेहतर होगा। किसी भी विद्यार्थी के लिए नई किताब खरीदने का दबाव नहीं है।

    अभिभावकों ने कहा- सभी स्कूलों में बुक बैंक चाहिए

    मेरी बेटी सेंट मेरीज कान्वेंट में पढ़ती है। दो साल आनलाइन पढ़ाई में गुजर गए। अब चाहता हूं कि बच्चे ठीक से पढ़ें पर सत्र की शुरुआत में आर्थिक बोझ बढ़ गया है लेकिन स्कूल के बुक बैंक से किताबें मिलने पर काफी राहत मिल जाएगी। सभी बच्चों को चाहिए कि पास होने के बाद किताबों को स्कूल में जमा करा दें।

    - सर्वेश पांडेय, अल्लापुर

    बेटी सेंटएंथोनी में पढ़ती है। नई कक्षा के लिए अब किताबें खरीदनी हैं। पिछले वर्ष पुरानी किताबों से पढ़ाई करने की अनुमति मिल गई थी। इस बार भी यदि यह सुविधा उपलब्ध हो जाए तो काफी राहत मिले। सभी स्कूलों में बुक बैंक बना देना चाहिए इससे अभिभावकों पर पड़ने वाले आर्थिक बोझ को कम किया जासकेगा।

    - किरन, तेलियरगंज

    मेरी बेटी कक्षा तीन में गई है। जूता, मोजा, ड्रेस के साथ किताब व स्टेशनरी खरीदना बहुत महंगा पड़ रहा है। स्कूल की तरफ से यदि नई किताब खरीदने का दबाव न बनाया जाए तो बहुत राहत मिलेगी। जो बच्चे अगली कक्षा में चले गए हैं उनसे किताब लेकर पढ़ाई कराई जा सकती है। विद्यालय प्रबंधन को चाहिए कि पुरानी किताबों का बैंक जरूर बनाएं।

    -विनय गिरि, तेलियरगंज