हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की PPF योजना को झटका, अदालत ने 500 रुपये शुल्क जमा कराने पर रोक लगाकर किया जवाब तलब
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की पीपीएफ (PPF) योजना को बड़ा झटका लगा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फोटो आईडेंटिफिकेशन शुल्क 70 रूपये से बढ़ाकर 500 रूपये जमा कराने पर रोक लगा दी है और इसकी वैधता की चुनौती याचिका पर बार एसोसिएशन से जवाब मांगा है।
प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की पीपीएफ (PPF) योजना को बड़ा झटका लगा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फोटो आईडेंटिफिकेशन शुल्क 70 रूपये से बढ़ाकर 500 रूपये जमा कराने पर रोक लगा दी है और इसकी वैधता की चुनौती याचिका पर बार एसोसिएशन से जवाब मांगा है।
कोर्ट ने कहा है कि बिना नियम बनाए बार कार्यकारिणी को वादकारियों पर शुल्क थोपने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने कार्यकारिणी के प्रस्ताव व योजना को अमल में लाने के आदेशों को अवैध करार देते हुए उन पर रोक लगा दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अजीत सिंह की खंडपीठ ने अभिषेक शुक्ला की याचिका पर दिया है।
बाई लाज कार्यकारिणी को यह अधिकार नहीं देता
याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता दयाशंकर मिश्र, अमरेंद्र नाथ सिंह, राकेश पांडेय और बार एसोसिएशन अध्यक्ष आरके ओझा, महासचिव एसडी सिंह जादौन आदि ने पक्ष रखा। कोर्ट ने कहा है कि यह वादकारियों पर अतिरिक्त भार है, जो कि सही नहीं है। बाई लाज कार्यकारिणी को यह अधिकार नहीं देता। कोर्ट में याचियों की ओर से कहा गया है कि बार ने अपने 22 अक्तूबर और 31 प्रस्ताव पास कर फोटो आईडेंटिफिकेशन शुल्क को 70 रुपये से बढ़ाकर पांच सौ रुपये कर दिया।
अपने सदस्यों की भविष्य की सुरक्षा को देखते हुए ऐसा निर्णय
बार की ओर से कहा गया कि वह अपने सदस्यों की भविष्य की सुरक्षा को देखते हुए ऐसा निर्णय ले सकती है। उसने बाईलॉज में संशोधन का प्रस्ताव किया है। इसके लिए प्रारूप समिति गठित कर संशोधन का प्रस्ताव को सदस्यों के बीच रखने के लिए 16 नवंबर को आम सभा बुलाई थी। इसके अलावा 22 और 23 नवंबर को मतदान कराने का फैसला भी लिया है।
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