Black Fungus: जीवन रक्षक दवा है Steroid, इसके दुुरुपयोग से होगा नुकसान, चिकित्सक यही दे रहे सलाह
Black Fungus चिकित्सक कहते हैं कि स्टेरायड दवा देना एक तरह से मजबूरी है तो ज्यादा दिनों तक इसका सेवन नुकसानदायक भी है। क्योंकि इससे शरीर की इम्युनिटी तेजी से घटती है और डाक्टर की सलाह के बिना ज्यादा दिनों तक इसे लेने से हड्डियां तक कमजोर हो जाती हैं।

- फोटो -
- ब्लैक फंगस के चलते खास चर्चा में आई यह दवा
- कुछ समय के लिए पहुंचाती है राहत तो इम्युनिटी भी घटती है
प्रयागराज, जेएनएन। स्टेरायड दवा का उपयोग तो विभिन्न बीमारी में हमेशा से होता रहा है। हालांकि कोविड-19 की दूसरी लहर आने पर यह दवा खास चर्चा में आ गई। इसकी वजह है ब्लैक फंगस। ब्लैक फंगस के मरीज मिलने के बाद डाक्टर इसका कारण स्टेरायड का अधिक सेवन बता रहे हैं।
चिकित्सक कहते हैं कि स्टेरायड दवा देना एक तरह से मजबूरी है तो ज्यादा दिनों तक इसका सेवन नुकसानदायक भी है। क्योंकि इससे शरीर की इम्युनिटी तेजी से घटती है और डाक्टर की सलाह के बिना ज्यादा दिनों तक इसे लेने से हड्डियां तक कमजोर हो जाती हैं।
काल्विन अस्पताल के डॉक्टर राजेश ने स्टेरायड की बताई गूढ़ता
मोतीलाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय (काल्विन अस्पताल) के वरिष्ठ फिजीशियन डा. राजेश श्रीवास्तव का कहना है कि स्टेरायड वैसे तो जीवन रक्षक दवा (लाइफ सेविंग ड्रग) है। इसकी टेबलेट और इंजेक्शन भी है। कोरोना के मामले में देखें तो यह कुछ विशेष परिस्थिति में ही देना चाहिए। इसे डाक्टर बेहतर समझते हैं कि मरीज को कब, कितनी स्टेरायड देनी चाहिए। एक निश्चित अवधि तक स्टेरायड देने के बाद इसकी खुराक धीरे-धीरे कम की जाती है फिर डाक्टर दवा के दुष्प्रभाव की आशंका पर उस मरीज को अपनी निगरानी में रखता है। दरअसल स्टेरायड ज्यादा दिनों तक देने से शरीर की इम्युनिटी कम होती है। इससे कई तरह के फंगल संक्रमण या बैक्टीरियल संक्रमण की संभावना अधिक होती है।
शरीर में भी बनता है नेचुरल स्टेरायड : डॉक्टर मनोज माथुर
मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज के वरिष्ठ फिजीशियन डा. मनोज माथुर का कहना है कि स्टेरायड शरीर में भी बनता है। इसे नेचुरल स्टेरायड कहते हैं। सिंथेटिक यानी टेबलेट रूप में, इंजेक्शन और क्रीम के रूप में भी इसे दिया जाता है। बीमारी के चलते शरीर के प्रभावित अंग इससे फंक्शन में आ जाते हैं। अस्थमा, अर्थराइटिस और त्वचा रोगियों को भी स्टेरायड दिया जाता है। कोविड के चलते जिनकी सांस का सेचुरेशन काफी कम हो गया है उन्हें जीवन रक्षक के रूप में यह दवा शुरू की जाती है। लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार इसे पांच से 10 दिन तक ही एक मरीज पर उपयोग करना चाहिए। शुरुआत इंजेक्शन से होती है इसके बाद टेबलेट दी जाती है। यह डाक्टर के सुपरविजन में ही दिया जाता है।
आप भी जानें स्टेरायड दवा का दुष्प्रभाव
-शुगर अचानक बढ़ सकती है।
-ब्लड प्रेशर पर विपरीत असर पड़ सकता है।
-त्वचा में संक्रमण हो सकता है।
-शरीर के भीतर छिपे फंगस पनप सकते हैं।
-पेट में जलन, आंख की रोशनी कम हो सकती है।
-हड्डियां कमजोर हो जाती हैं।
-अस्थमा का रोग बढ़ सकता है।
-कोई गंभीर एलर्जी भी हो सकती है।
यह भी जानें कि स्टेरायड दवा से कब हो सकता है दुष्प्रभाव
-तीन चार सप्ताह से अधिक सेवन करने से।
-डाक्टर की सलाह के बिना डोज अधिक लेने से।
-स्टेरायड का दुरुपयोग करने से।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।