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    भाजपा यमुनापार जिलाध्‍यक्ष ने कहा- दुर्भाग्य है कि भारत में तालिबान की भी वकालत हो रही

    By Brijesh SrivastavaEdited By:
    Updated: Wed, 25 Aug 2021 03:29 PM (IST)

    यमुनापार जिलाध्‍यक्ष ने आम जनमानस से आह्वान किया कि तालिबान समर्थकों के चेहरे से मुखौटा उतार दें। उन्हें जनता के सामने ले आए। बोले कि आश्चर्य है कि जिन लोगों को कुछ दिन पहले तक देश में असहिष्णुता दिख रही थी वह तालिबान में सद्भाव देख रहे हैं।

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    भाजपा के प्रयागराज में यमुनापार जिलाध्‍यक्ष विभवनाथ भारती ने तालिबान का समर्थन करने वालों पर कटाक्ष किया।

    प्रयागराज, जागरण संवाददाता। तालिबान पूरी दुनिया के लिए खतरा बन रहा है। इसके बाद भी तमाम लोग उसके समर्थन में बोल रहे हैं। वैश्विक स्तर पर जो गतिविधि चल रही है, वह उन देशों की राजनीतिक मंशा का हिस्सा है। दुर्भाग्य यह कि अपने देश में भी लोग तालिबान की वकालत करने से बाज नहीं आ रहे हैं। यह कहना है भाजपा के प्रयागराज में यमुनापार जिलाध्यक्ष विभवनाथ भारती का।

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    बोले, जनता तालिबान समर्थकों के चेहरे से उतारे मुखौटा

    यमुनापार जिलाध्‍यक्ष ने आम जनमानस से आह्वान किया कि तालिबान समर्थकों के चेहरे से मुखौटा उतार दें। उन्हें जनता के सामने ले आए। आश्चर्य यह कि जिन लोगों को कुछ दिन पहले तक देश में असहिष्णुता दिख रही थी, वह तालिबान में सद्भाव देख रहे हैं। यहां तक कि वह खुलकर अफगानिस्तान में तालिबान सरकार बनने का भी समर्थन करने से नहीं बाज आ रहे हैं। देश की सरकार को भी वह नसीहत दे रहे हैं कि तालिबान का समर्थन करें।

    भाजपा नेता ने उठाए सवाल

    भाजपा के यमुनापार जिलाध्यक्ष विभवनाथ भारती ने सवाल उठाया कि यदि तालिबान इतना अच्छा है तो वह क्यों नहीं कुछ दिन वहां जाकर समय बिताते हैं। इस बात के लिए क्यों आवाज उठाई जा रही है कि अफगानिस्तान से लोगों को निकाला जाए। फिल्म, साहित्य और खेल जगत के लोग भी अफगानिस्तान छोड़ रहे हैं। यहां तक कि जो कुछ दिन पहले तक महिला अधिकारों के लिए आवाज उठाते थे, इसके लिए उन्हें ढेरों इनाम भी मिले हैं। अब वह भाग रहे हैं। आखिर यही वक्त है महिलाओं, बच्चों और मानवाधिकार की आवाज उठाने का तो क्यों भाग रहे हैं। क्या ये सभी एक्टीविस्ट सिर्फ एसी कमरों में बैठकर इस तरह की बड़ी-बड़ी बातें करने के लिए पुरस्कृत हुए। इनमें से तमाम लोगों को भारत में भी बहुत से गड़बड़ी दिखती थी। अब वह भारत में शरण ले रहे हैं।