भाजपा संगठन की ‘रीढ़’ में उठ रहा दर्द, कार्यकर्ता झेल रहे उपेक्षा, मंत्रियों को सुनाई अपनी व्यथा
प्रतापगढ़ में भाजपा संगठन की इस ‘रीढ़’ में दर्द हो रहा है। यानी कार्यकर्ता व्यथित हैं। उनको दर्द दे रही है प्रशासनिक अफसरों की उपेक्षा। पार्टी को सफलता के शीर्ष तक पहुंचाने वाले खुद को अपनी ही सरकार में उपेक्षित महसूस कर रहे हैं।

प्रयागराज, जेएनएन। कार्यकर्ता ही पार्टी की रीढ़ होते हैं। उनके बल पर ही सत्ता मिलती है। बेल्हा यानी प्रतापगढ़ में भाजपा संगठन की इस ‘रीढ़’ में दर्द हो रहा है। यानी कार्यकर्ता व्यथित हैं। उनको दर्द दे रही है प्रशासनिक अफसरों की उपेक्षा। पार्टी को सफलता के शीर्ष तक पहुंचाने वाले खुद को अपनी ही सरकार में उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। जनपद के ज्यादातर अधिकारी उनकी नहीं सुन रहे हैं। तहसीलों में सुनवाई नहीं हो रही है।
बेल्हा में मुखर होने लगी है भाजपा कार्यकर्ताओं की पीड़ा
कार्यकर्ताओं की पीड़ा अब दिल में नहीं रही। वह जुबां पर तैरने लगी है। इससे निकाय चुनाव का ताना-बाना बनने में जुटी पार्टी चिंतित है। उसे यह डर सताने लगा है कि कार्यकर्ताओं की उपेक्षा उनकी नाराजगी न बन जाए। जनपद स्तर पर संगठन में अपनी बात रखने पर कार्यकर्ता अपने दर्द को कम होता महसूस नहीं कर रहे। ऐसे में अब वह खुलकर उच्च स्तर पर बातें पहुंचाने लगे हैं। उनको अपनी ही सरकार में विभागों की कार्यशैली में सुधार के लिए मंत्रियों को ज्ञापन देना पड़ रहा है, जो उनको अखर रहा है। यही कारण है कि जनपद के दौरे पर आए मंत्रियों के समक्ष उनका गुबार निकला। पूर्व महामंत्री अशोक मिश्र ने साफ कह डाला कि जिले के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के द्वारा कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न किया जा रहा है। मंडल अध्यक्ष मानधाता नवीन सिंह समेत कार्यकर्ताओं ने तो आला अफसरों पर सवाल खड़े कर डाले। वरासत जैसा जरूरी कार्य तक न किए जाने का दर्द साझा किया। राजस्व विभाग के कर्मचारियों के द्वारा घरौनी और दाखिल खारिज के हजारों मामले लटकाने की बात आई। बाबागंज,कुंडा व रामपुरखास के कार्यकर्ताओं का दर्द छलका।
जिस तरह से पुराने व नए कार्यकर्ताओं ने कई अफसरों व विभागों की मनमानी का रोना रोया, उनकी सिसकियों की आवाज लखनऊ तक सुनी जा रही है प्रदेश संगठन में इस पर मंथन होगा। बहुत संभव है कि यहां के कई अफसर इस नाराजगी के शिकार भी हो जाएं। दरअसल जल्दी ही प्रदेश में निकाय चुनाव होने वाले हैं।फिर मिशन 2024 भी है। इसको लेकर सत्ता दल भी तैयारी कर रहा है। ऐसे में भाजपा सरकार के तीन मंत्रियों का प्रतापगढ़ एक साथ आना केवल विकास को परखने के लिए नहीं था। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और अपनी पार्टी के पदाधिकारियों से लेकर पुराने कार्यकर्ताओं तक से लंबा संवाद और संगठनात्मक समीक्षा से तय है कि पार्टी सबसे पहले निकाय चुनाव को लेकर गंभीर है। ऐसे दौर में वह अपनी रीढ़ में हो रहे दर्द की दवा करने पर मंथन कर रही है। दर्द और जख्म को नासूर बनने से पहले ठीक कर देना चाहती है।
भाजपा जिलाध्यक्ष का है कहना
कार्यकर्ताओं ने अपनी उपेक्षा जो बातें बताई हैं, उस पर पार्टी गंभीर है। जिले से अधिकारियों की कार्यशैली व वर्करों की परेशानी की रिपोर्ट प्रदेश कार्यालय द्वारा मांगी गई है। कार्यकर्ताओं से बात करके विस्तृत रिपोर्ट जल्दी ही लखनऊ भेजी जाएगी।
-हरिओम मिश्र, जिलाध्यक्ष भाजपा, प्रतापगढ़
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