World River Day 2022: अविरल-निर्मल गंगा और यमुना से प्रयागराज में समृद्ध होगी जैव विविधता, प्रयास किए गए तेज
दोनों प्रमुख नदियां गंगा-यमुना करोड़ों लोगों की जीवन रेखा हैैं। ये नदियां जीवन का अभिन्न अंग बन गई हैैं। बहुत सारे जीव-जंतु और प्राणी जल के लिए इन नदियों पर निर्भर हैं लेकिन प्रदूषण नदियों के लिए अभिषाप बनता जा रहा है। ऐसे में नदियों का संरक्षण आवश्यक है

प्रयागराज, जेएनएन। पतित पावनी गंगा और श्यामल यमुना की निर्मलता तथा अविरलता से जैव विविधता समृद्धि होगी। इसके लिए संगमनगरी में प्रयास तेज हो गए हैं। सितंबर के अंतिम रविवार को मनाए जाने वाले विश्व नदी दिवस की थीम इस बार जैव विविधता के लिए नदियों का महत्व ही रखा गया है।
जैव विविधता प्रभावित होने के पीछे नदियों का प्रदूषण
नदियों में प्रदूषण के चलते ही जैव विविधता प्रभावित होती है। गंगा और यमुना में प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए नमामि गंगे योजना के लिए कई परियोजनाएं शुरू की गई हैैं। खासतौर पर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किए जा रहे हैैं। संगम नगरी में 72 नालों के गंदे पानी के शोधन के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जा रहे हैैं। इससे दोनों नदियों में गंदे नालों का पानी शोधित होकर जाएगा।
करोड़ों लोगों की लाइफ लाइन हैं गंगा-यमुना
देश की दोनों प्रमुख नदियां गंगा-यमुना करोड़ों लोगों की जीवन रेखा हैैं। ये नदियां जीवन का अभिन्न अंग बन गई हैैं। बहुत सारे जीव-जंतु और प्राणी जल के लिए इन नदियों पर निर्भर हैं लेकिन प्रदूषण नदियों के लिए अभिषाप बनता जा रहा है। ऐसे में नदियों का संरक्षण आवश्यक है। राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण के अनुसार भारत दुनिया के 17 सबसे अधिक जैव विविधता वाले देशों में से एक है। भारत की पारिस्थितिकी तंत्र की विविधता भी अनूठी है। इसीलिए दोनों नदियों के अविरल-निर्मल होने के सार्थक परिणाम आएंगे।
नगर आयुक्त का है कहना
गंगा-यमुना समेत अन्य नदियों की निर्मलता के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैैं। नैनी, झूंसी व फाफामऊ में एसटीपी का निर्माण हो रहा है। पहले सात एसटीपी की क्षमता बढ़ाई जाएगी।
चंद्रमोहन गर्ग, नगर आयुक्त
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