Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'बिहार में का बा' फेम लोक गायिका नेहा सिंह ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए फिर गाया विवादित गीत...

    By Umesh TiwariEdited By:
    Updated: Mon, 21 Dec 2020 12:20 AM (IST)

    बिहार में का बा गाकर सुर्खियों में आईं लोक गायिका नेहा सिंह राठौर ने इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय को केंद्रित कर एक और विवादित गीत गाया है। अब उन्होंने पार्ट-2 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रों को बकैतबाज बता दिया है। यह गीत इंटरनेट मीडिया पर वायरल है।

    Hero Image
    लोकगायिका नेहा सिंह राठौर ने इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय को केंद्रित कर एक और विवादित गीत गाया है।

    प्रयागराज, जेएनएन। अभिनेता मनोज वाजपेयी के गीत 'मुंबई में का बा' के जवाब में 'बिहार में का बा' गाकर सुर्खियों में आईं लोकगायिका नेहा सिंह राठौर ने इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय को केंद्रित कर एक और विवादित गीत गाया है। पहले गीत में उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रों को बमबाज और कट्टाबाज बताया था। इस पर तीखी प्रतिक्रिया हुई थी। अब उन्होंने पार्ट-2 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रों को बकैतबाज बता दिया है। यह गीत इंटरनेट मीडिया पर वायरल है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बिहार की लोकगायिका नेहा सिंह राठौर का नया गाना फिर विवादों में घिर गया है। इस नए गाने में उन्होंने पूरब के ऑक्सफोर्ड कहे जाने वाले इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय और यहां के छात्र संघ पर तमाम आरोप लगाए हैं। उनका ये गाना एक तरफ सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, इससे इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रों में फिर नाराजगी है।

    इससे पहले नेहा सिंह राठौर ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रों को बमबाज और कट्टाबाज बताया था। इस पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रों ने चीफ प्रॉक्टर को ज्ञापन सौंपकर नेहा सिंह के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने की मांग की थी। कहा था कि इस तरह के गीत गाकर नेहा विश्वविद्यालय और प्रयागराज की छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रही हैैं, हालांकि तब एफआइआर नहीं कराई गई थी। 

    कहीं आदेश को चुनौती तो नहीं : तमाम छात्र नेहा के ताजे गीत को उस आदेश के लिए चुनौती मान रहे हैैं जिसमें कहा गया है कि यदि इलाहाबाद विश्वविद्यालय की छवि इंटरनेट मीडिया के किसी भी प्लेटफार्म (फेसबुक, ट्विटर, वाट्सअप) पर धूमिल की जाती है तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कुछ का कहना है कि आदेश केवल इलाहाबाद विश्वविद्यालय से जुड़े लोगों के लिए ही है। रजिस्ट्रार प्रो. एनके शुक्ल ने यह आदेश जारी किया था।