महाकुंभ 2025 की तैयारी, प्रयागराज के दशाश्वमेध और किला के पास गंगा के पक्के घाट पर स्नान करेंगे श्रद्धालु
प्रयागराज में लगने वाले महाकुंभ 2025 से पहले संगम क्षेत्र में गंगा नदी के किला घाट और दशाश्वमेध घाट को पक्का किया जाएगा। पक्के घाट के निर्माण के लिए शासन से सिंचाई विभाग से कार्ययोजना मांगी है। अक्टूबर माह से पक्के घाट का निर्माण कार्य शुरू हो सकता है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। आपको तो पता ही होगा कि प्रयागराज में महाकुंभ मेला वर्ष 2025 में आयोजित होगा। महाकुंभ में देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा को लेकर तैयारियां शुरू होने लगी हैं। इस बार महाकुंभ से पहले गंगा, यमुना व अदृश्य सरस्वती के संगम क्षेत्र का नजारा बदला नजर आएगा। महाकुंभ को ध्यान में रखते हुए यहां पक्के घाट निर्माण की तैयारी है। संगम क्षेत्र में 18 करोड़ रुपये की लागत में पक्के घाट बनाए जाएंगे।
अक्टूबर से पक्के घाट का निर्माण शुरू हो सकता है : तीर्थराज प्रयाग में लगने वाले 2025 के महाकुंभ से पहले संगम क्षेत्र में गंगा नदी के किला घाट और दशाश्वमेध घाट को पक्का किया जाएगा। पक्के घाट के निर्माण के लिए शासन से सिंचाई विभाग से कार्ययोजना मांगी है। सब कुछ ठीक रहा तो सिंचाई विभाग की ओर से बाढ़ के बाद यानी अक्टूबर माह से पक्के घाट का निर्माण कार्य शुरू हो सकता है।
दशाश्वमेध व किला घाट के पक्के घाट कितने लंबे व चौड़े होंगे : दशाश्वमेध और किला घाट पर बनने वाले पक्के घाट की लंबाई 100 मीटर और चौड़ाई 80 मीटर होगी। दशाश्वमेध मंदिर के सामने से पक्के घाट का निमार्ण किया जाएगा। वहीं किला घाट पर पक्के घाट का निर्माण किला से वीआईपी जेटी के पास किया जाएगा। सिंचाई विभाग की ओर से घाट बनाने के लिए सर्वे भी किया जा चुका है। एक सप्ताह के भीतर पक्का घाट बनाने के लिए कार्य योजना की रिपोर्ट शासन के पास भेजी जाएगी।
संगम क्षेत्र में झूला पार्क, फूड मार्केट भी बनेगा : सिंचाई विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि संगम क्षेत्र को विकसित करने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। अब यहां पर झूला पार्क, फूड मार्केट बनने के साथ पक्के घाट का निर्माण किया जाएगा। यहां पर पक्के घाट निर्माण के लिए पिछले कई वर्षों से मांग की जा रही है।
सावन में दशाश्वमेध घाट पर लाखों की संख्या में जुटते हैं कांवरिए : दारागंज मोहल्ले में स्थित दशाश्वमेध घाट पर सावन मास में लाखों की संख्या में कांवरिए गंगा जल भरने के लिए आते हैं। यहां से काशी विश्वनाथ वाराणसी समेत दूर-दूर के प्रसिद्ध मंदिरों में शिवजी को अर्पित करने गंगा जल लेकर कांवरिए जाते हैं। इस कारण यहां पर पिछले कई वर्षों से पक्के घाट के निर्माण की मांग की जा रही है। क्योंकि पक्के घाट न होने से कांवरियों व स्नानार्थिों को असुविधा का सामना करना पड़ता है।
प्रयागराज में गंगा-यमुना के चार पक्के घाट हैं : गंगा और यमुना के तट पर अब तक प्रयागराज में चार पक्के घाटों का निर्माण किया जा चुका है। इसमें अरैल घाट, छतनाग घाट, नागेश्वर घाट, मौज गिरि घाट शामिल हैं। दशाश्वमेध और किला घाट को पक्का करने की मंजूरी मिलने पर छह पक्के घाट हो जाएंगे।