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    प्लाट खरीदने जा रहे हैं तो पहले जान लें कि ले-आउट प्लान पास है या नहीं

    By Ankur TripathiEdited By:
    Updated: Sat, 25 Dec 2021 06:30 AM (IST)

    शहर के सुनियोजित विकास के लिए प्लाटिंग के लिए ले-आउट प्लान और मकान निर्माण के लिए मानचित्र पास कराना आवश्यक है।अगर किसी कारणवश मानचित्र स्वीकृत कराए बिना निर्माण करा लिया है तो शमन मानचित्र प्राधिकरण से स्वीकृत करा लेना चाहिए

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    अवैध प्लाटर से भूखंड खरीदने पर जनसुविधाएं मिलने में भी होती है अड़चन

    प्रयागराज, जागरण संवाददाता। प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) के कतिपय अधिकारियों एवं कर्मचारियों की मिलीभगत से शहर में चौतरफा करीब 20-25 किमी. दूर तक अवैध प्लाटिंग धड़ल्ले से हो रही है। इसलिए अगर आप अपनी जिंदगी भर की गाढ़ी-कमाई लगाकर प्लाट खरीदने के बाद उस पर आशियाना बनाने की सोच रहे हैं तो यह पड़ताल जरूर कर लें कि जहां प्लाट खरीदने जा रहे हैं, उसका ले-आउट प्लान प्राधिकरण से पास है अथवा नहीं। ले-आउट प्लान पास न होने पर जनसुविधाएं मिलने में अड़चन होगी, प्राधिकरण से नोटिस जारी होने के साथ सीलिंग और ध्वस्तीकरण का खतरा भी हमेशा बना रहेगा।

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    अवैध प्लाट लेने पर पीडीए द्वारा ध्वस्तीकरण का रहता है खतरा

    अवैध प्लाटिंग नैनी, झूंसी, झलवा और फाफामऊ क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर हो रही है। अवैध प्लाटर प्लाट काटकर लोगों को बेच रहे हैं। शहर के बाहर कुछ स्थानों पर प्लाट सस्ता होने के कारण लोग बिना यह पता किए भूखंड खरीद भी ले रहे हैं कि प्राधिकरण से उसका ले-आउट प्लान पास है अथवा नहीं। ऐसे में प्राधिकरण द्वारा जिन अवैध प्लाटर के खिलाफ यदा-कदा कार्रवाई की जाती है, उसमें ऐसे लोग पिस रहे हैं। लोगों द्वारा बनवाई गई बाउंड्रीवाल, पिलर, गेट आदि ढहा दिए जाते हैं।

    रजिस्ट्री कराकर मकान बनवाने पर भी संकट बरकरार

    प्लाट खरीदने पर रजिस्ट्री आसानी से हो जाती है और उस पर मकान का निर्माण करा लिया तो भी संकट बना रहेगा, क्योंकि आने वाले दिनों में नियम-कानून और सख्त हो सकते हैं। टाउन प्लानर टीपी सिंह का कहना है कि अब ले-आउट प्लान और मानचित्र आर्किटेक्ट के माध्यम से आनलाइन दाखिल करने की व्यवस्था है। हालांकि, शमन मानचित्र की व्यवस्था आफलाइन है। शहर के सुनियोजित विकास के लिए प्लाटिंग के लिए ले-आउट प्लान और मकान निर्माण के लिए मानचित्र पास कराना आवश्यक है।अगर किसी कारणवश मानचित्र स्वीकृत कराए बिना निर्माण करा लिया है तो शमन मानचित्र प्राधिकरण से स्वीकृत करा लेना चाहिए।

    ले-आउट प्लान पास होने पर मानचित्र शुल्क लगता है कम

    वह बताते हैं कि जिस प्लाटिंग का ले-आउट प्लान प्राधिकरण से पास है, वहां प्लाट खरीदने पर मकान बनवाने के लिए मानचित्र शुल्क बहुत कम लगता है। ले-आउट प्लान पास होने पर लोगों को सड़क, बिजली, पानी, सीवर, ड्रेनेज, पार्क आदि की सुविधाएं मिलती हैं, क्योंकि प्लाटिंग करने वाले को ले-आउट प्लान में इन चीजों का प्रविधान करना होता है।