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    Azad Park: मार्निग वॉक के साथ स्वाद भी, यहां लोग पीते हैं सूप, जूस, छाछ और खाते हैं फ्रूट चाट

    By Ankur TripathiEdited By:
    Updated: Fri, 08 Jul 2022 07:06 PM (IST)

    100 एकड़ में फैला चंद्रशेखर आजाद पार्क हजारों लोगों को सेहत के साथ स्वाद भी बांट रहा है। यहां ताजी और शुद्ध आक्सीजन फूल और पत्तियों की सुगंध के अलावा विटामिन-प्रोटीन का भंडारा भी चलता है। सुबह सैर के बाद लोग जूस सूप पीते और फ्रूट चाट खाते हैं

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    आजाद पार्क में सैर करने आए लोग जूस और सूप के साथ फल बटर मक्खन का आनंद लेते हैं

    प्रयागराज, जेएनएन। जीवन की आपाधापी, भागदौड़, तनाव और नेचर से बढ़ती दूरी मौजूदा हालात में विकराल समस्या है। तंदरुस्त रहने के लिए पौष्टिक आहार लेना लोग अब भूलते ही जा रहे हैं। अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद पार्क हमेशा ही इस परिस्थिति के उलट चला। हरियाली पूरे जिले से रूठ गई लेकिन, 100 एकड़ में फैला यह पार्क अपनी गोद में आने वाले हजारों लोगों को सेहत के साथ स्वाद भी बांट रहा है। यहां ताजी और शुद्ध आक्सीजन, फूल और पत्तियों की सुगंध के अलावा विटामिन-प्रोटीन का भंडारा भी चलता है। जो आते हैं वह पाते हैं और जो सोते हैं वह अपनी बीमारियों पर रोते हैं। प्रस्तुत है सेहत के साथ स्वाद बांटने के इसी अनोखे रमणीय स्थल पर वरिष्ठ संवाददाता अमरदीप भट्ट की रिपोर्ट...।

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    वेजिटेबल सूप और करेले का जूस

    हरी सब्जियों में आपकी सेहत को बनाए रखने के लिए वह ताकत है, जो कहीं और नहीं। तभी तो गरमागरम व चटखारेदार वेजिटेबल सूप अपनी ओर मार्निंग वाकर को खींचता है। 20 साल से आजाद पार्क के बाहर सूप बेचने वाले सरदार सुरजीत सिंह गवाह हैं इसके। सूप और जूस की ओर लोगों का आकर्षण बढ़ा तो धीरे-धीरे कई और दुकानें आजाद पार्क के बाहर और पिछले हिस्से में पन्नालाल मार्ग पर लगने लगीं। टमाटर का सूप, मिक्स वेजिटेबल, मशरूम का सूप, स्प्राउड सूप, मेथी और पालक मिश्रित करेले का जूस, चुकंदर, प्लम, जामुन और फालसे का जूस भी मार्निंग वाकर को फाइवर, प्रोटीन, शरीर को स्वस्थ रखने के लिए सभी जरूरी विटामिन बांट रहा है। जूस और सूप लोग इसलिए भी पीते हैं क्योंकि इसे स्वादिष्ट बनाने में नित नए प्रयोग दुकानदारों की ओर से हो रहे हैं।

    ताजे मक्खन और मट्ठे की बात ही निराली

    सुबह-सुबह टहलने के बाद एक गिलास नमकीन मट्ठा और साथ में शुद्ध मक्खन-ब्रेड मिल जाए तो क्या कहने। शहर में अब यह ढूंढे नहीं मिलते। लेकिन, आजाद पार्क के बाहर इसके कई ठेले वर्षों से लग रहे हैं। दुकानदार उमाशंकर बताते हैं कि यह धंधा उन्हें विरासत में मिला है। आमदनी भले ही कम होती है। लेकिन, ठेले पर मार्निंग वाकर आते हैं, घर का बना मक्खन और मट्ठा उन्हें सेहतमंद रखता है। बदले में थोड़ी मीठी बातें भी हो जाया करती हैं। उमाशंकर कहते हैं कि जीवन बस इसी तरह से कट रहा है।

    नारियल पानी से मिले जवानी

    नारियल पानी शरीर हो हाइड्रेट रखता है। मेडिकल साइंस भी यही कहता है। यह हमारे शरीर का वजन भी नियंत्रित रखता है। इसे पीने का फायदा त्वचा पर नजर आता है। हाई ब्लड प्रेशर वाले रोगियों के लिए नारियल पानी अमृत की तरह होता है। आजाद पार्क के मुख्य गेट के सामने ही नहीं बल्कि आजाद स्मारक के गेट संख्या तीन के आसपास, पिछले हिस्से में पन्नालाल मार्ग पर और इसके एमजी मार्ग वाले हिस्से की तरफ भी नारियल पानी के ठेले खूब लगते हैं। नारियल पानी के शौकीनों की संख्या भी ज्यादा है क्योंकि इस पानी में छिपे सेहत का राज अधिकांश लोग जानते हैं।

    अंकुरित चना, पपीता और फ्रूट चाट भी

    आजाद पार्क में सुबह-सुबह टहलने के बाद बाहर निकलते ही लोग अंकुरित चने व पपीते की दुकानों पर रुकना नहीं भूलते। यह जितने सस्ते आइटम हैं सेहत के लिए उतने ही फायदेमंद भी। चने के साथ तो लहसुन, उर्द की दाल, प्याज, हरी धनिया, चुकंदर, अदरक भी इसके जायके को बढ़ा देते हैं।

    आजाद पार्क रोज नियम से आने वाले दंत रोग चिकित्सक डा. प्रदीप अग्रवाल कहते हैं कि दिन में लोग अब पौष्टिक आहार पाते कहां हैं। जल्दबाजी में जो जैसे, जितना मिला खा लिया और जुट गए कामकाज में। थाली में लोग अब यह भी नहीं देखते की इसमें कैलोरी वाली चीजें क्या और कितनी हैं। ऐसे में आजाद पार्क को अनूठा ही कह सकते हैं जो सेहत बनाए रखने में जबरदस्त साधन साबित हो रहा है और प्रोटीन, विटामिन से भरपूर स्वादिष्ट चीजें भी एक ही जगह पर मिल जाती हैं।

    आहार और उनसे मिलने वाले पोषक तत्व

    करैला - फाइबर, एंटी आक्सीडेंट, विटामिन 'ए', विटामिन 'सी', विटामिन 'ई', विटामिन 'के'

    पालक-विटामिन 'ए', विटामिन 'सी', विटामिन 'के', आयरन, फोलेट, पोटैशियम, फाइबर, प्यूरिन और आक्सेलिक एसिड।

    चुकंदर-आयरन, पोटैशियम, फास्फोरस

    भीगा चना-कार्बोहाइड्रेट, फैट, फाइबर, कैल्शियम

    डाइटीशियन की राय जरूर लें

    पार्क में टहलने जो भी लोग जाते हैं सभी के उद्देश्य अलग-अलग होते हैं। इनमें विभिन्न बीमारियों से ग्रसित लोग भी होते हैं। सब्जियों के सूप/जूस हों, नारियल पानी और उसके साथ खाने वाली मलाई, मक्खन या मट्ठा ही क्यों न हो। हर किसी को पहले यह जानना होगा कि बीमारियों के हिसाब से उसकी सेहत के लिए क्या फायदेमंद और क्या नुकसानदायक है। ऐसी किसी भी चीज के सेवन से पहले डाइटीशियन की राय एक बार जरूर ले लें।

    छाया मिश्रा, डाइटीशियन