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    Atiq Ahmed Murder: इंटरनेट मीडिया पर ट्रेंड करने लगा अतीक का अंत, ल‍िखा- आन कैमरा... चंद सेकेंड और दो ढेर

    By Jagran NewsEdited By: Prabhapunj Mishra
    Updated: Sun, 16 Apr 2023 06:48 AM (IST)

    Atiq Ahmed Murder माफ‍िया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्‍या होते ही इंटरनेट मीडिया पर अतीक का अंत ट्रेंड करने लगा। यूजर्स ने अपनी प्रत‍िक्रिया जाह‍ ...और पढ़ें

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    Atiq Ahmed Murder: अतीक अहमद और भाई अशरफ की हत्‍या के बाद इंटरनेट पर ट्रेंड हुआ अतीक का अंत

    प्रयागराज, जागरण संवाददाता। Atiq Ahmed Murder मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज (काल्विन अस्पताल) में माफिया अतीक और अशरफ की हत्या की खबर फैलते ही इंटरनेट मीडिया पर ट्रेंड करने लगा कि अतीक का अंत। कुछ लोगों ने घटना पर नाराजगी जताई तो कुछ ने कानून व्यवस्था पर प्रश्न खड़ा किया।

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    कई लोगों ने लिखा की क्या लोकतंत्र में ऐसा भी होता है। वहीं एक अन्य ट्विटर यूजर ने लिखा की समय के साथ चक्र का प्रयोग शायद इसलिए होता है कि अंतिम सिरा वहीं जुड़ता है जहां से शुरू होता है। बाकी राजकाज है। किसी ने लिखा आखिर मिला ही दिया मिट्टी में। फिर पोस्ट आई आन कैमरा... चंद सेकेंड और दो ढेर।

    एक यूजर ने लिखा काला अध्याय खत्म। एक पोस्ट आई अति का भला न बोलना अति की भली न चूप। अतीक के साथ यूपी पुलिस व सरकार की साख भी? सवाल बहुत है...। एक यूजर ने पोस्ट किया अतीक हुआ अतीत। अभिषेक कुशवाहा ने लिखा जो पूछ रहे हैं कि पुलिस सुरक्षा में अतीक अशरफ की कैसे हत्या हो गई तो सुनो... जैसे पुलिस सुरक्षा में उमेश पाल और दो गनर की हत्या हुई थी, वैसे ही इन दोनों की हो गई। अखिर जिन्होंने मारा वह गिरफ्तार हो गए हैं।

    एक पोस्ट आई आज जो हुआ उसके बाद उत्तर प्रदेश में कोई भी गुंडा माफिया बनने से पहले हजार बार सोचेगा, सब को मिट्टी में मिला दिया। यह भी लिखा गया कि लचर कानून व्यवस्था को नहसपा मुखिया ने कानून व्यवस्था पर उठाए सवालसपा मुखिया व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट किया कि उत्तर प्रदेश में अपराध की पराकाष्ठा हो गई है और अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। जब पुलिस के सुरक्षा घेरे के बीच सरेशाम किसी की हत्या कि जा सकती है, तो आम जनता की सुरक्षा का क्या। इससे जनता के बीच भय का वातावरण बन रहा है। ऐसा लगता है कुछ लोग जानबूझकर ऐसा वातावरण बना रहे हैं।

    इसी क्रम में राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने प्रश्न किया कि क्या यह लोकतंत्र में संभव है। अधिकार सेना के मुखिया अमिताभ ठाकुर ने प्रयागराज कमिश्नरेट की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए लिखा कि हाईकोर्ट सिटिंग जज से मामले की जांच कराई जानी चाहिए। उधर जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह ने लिखा पाप पुण्य का हिसाब इसी जन्म में होता है।

    असदुद्दीन ओवैसी ने लिखा की अतीक और उनके भाई पुलिस हिरासत मेंं थे उपर हतकड़ी लगी थी, जय श्रीराम के नारे भी लगाए गए। दोनों की हत्या योगी के कानून व्यवस्था की नाकामी है। एनकाउंटर राज का जश्न मनाने वाले भी इस हत्या के जिम्मेदार हैं। कानपुर के सांसद सत्यदेव पचौरी ने लिखा, कर्म प्रधान विश्व करि राखा जो तस करही सो तस फल चाखा। जय जय श्रीराम।