आशा एंड कंपनी ने कारोबार 79 वर्ष पूर्व कुंभ मेला में चार लाउडस्पीकर से शुरू किया था, आज गिनती रईसों में
प्रयागराज के संगम क्षेत्र में कुंभ मेला अर्धकुंभ मेला व माघ मेला में आशा एंड कंपनी के लाउडस्पीकरों से कर्ण प्रिय भजनों के साथ ही मेले में भूले-भटके शिविर से उदघोषणा की आवाज पहुंची है। ट्रैफिक डायवर्जन किए जाने जैसे अहम संदेश भी प्रसारित होते हैं।

प्रयागराज, जेएनएन। आशा एंड कंपनी का नाम न केवल प्रयागराज बल्कि देश के कई हिस्सों में रहा है। कंपनी ने 79 वर्ष पूर्व 1942 के प्रयागराज में आयोजित कुंभ मेले में चार लाउडस्पीकर से 'आवाज का सफर' शुरू किया था। आज कई हजार लाउडस्पीकर कंपनी के पास हैं। यहां के महाकुंभ, कुंभ और प्रत्येक वर्ष लगने वाले माघ मेला में इसी कंपनी का साउंड सिस्टम कई किमी के क्षेत्र में लगता है। इससे संदेश प्रसारित किए जाते हैं। प्रयागराज ही नहीं अब तो हरिद्वार और उज्जैन के कुंभ में भी आशा कंपनी लाउडस्पीकर की आपूर्ति करता है।
आशा एंड कंपनी के साउंड सिस्टम का पुराना है इतिहास
प्रयागराज में संगम की रेती पर हर वर्ष लगने वाले माघ मेला, प्रत्येक छह वर्षों में लगने वाला अर्धकुंभ या हर 12 वर्ष बाद लगने वाले महाकुंभ यानी दुनिया का सबसे बड़ा मेला कुंभ हो, सभी को आशा एंड कंपनी ही 'आवाज' देती है। संगम क्षेत्र में इसी लाउडस्पीकरों से श्रद्धालुओं के कानों तक कर्ण प्रिय भजनों के साथ ही मेले में भूले-भटके शिविर से उदघोषणा की आवाज पहुंचती है। वहीं ट्रैफिक डायवर्जन किए जाने जैसे अहम संदेश भी प्रसारित किए जाते हैं। मेला क्षेत्र में ट्रैफिक को व्यवस्थित करने का संदेश भी फैलता है। आशा एंड कंपनी यह काम पिछले 79 साल से पूरे मनोयोग से कर रही।
आशा एंड कंपनी के मालिक प्रवीण मालवीय ने की आत्महत्या, प्रयागराज के महशूर व्यवसायी थे
उज्जैन व हरिद्वार कुंभ में भी लगते हैं इसके लाउस्पीकर
प्रयागराज ही नहीं अब तो उज्जैन कुंभ में भी आशा कंपनी ही लाउडस्पीकर की आपूर्ति करती है। कंपनी के मालिक प्रवीण मालवीय (जो अब नहीं रहे) ने बताया था कि हरिद्वार में होने वाले कुंभ में भी संस्था 1956 से लाउडस्पीकर लगा रही है। कंपनी की स्थापना बाबा स्व.नित्यानंद मालवीय ने प्रयागराज शहर के जानसेनगंज इलाके में की थी, अब अन्य शाखाएं भी हैं।
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