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    प्रयागराज में Army ने ईश्वर शरण डिग्री कॉलेज को दी नोटिस, जानें-नोटिस में क्‍या है लिखा, जिससे मची हलचल

    By Brijesh SrivastavaEdited By:
    Updated: Fri, 19 Feb 2021 10:02 AM (IST)

    दशकों पहले सेना ने हरिजन सेवा संघ को सलोरी में लीज पर 45 एकड़ जमीन दी थी। उसे जमीन में से करीब 11 एकड़ में निर्माण कराने की अनुमति दी थी। ईश्वर शरण डिग्री कॉलेज प्रबंधन ने करीब 11 एकड़ पर ही निर्माण कराया है।

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    ईश्वर शरण डिग्री कॉलेज के भवन को सील करने के लिए प्रयागराज में सेना ने निर्णय लिया है।

    प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज में सेना की कार्रवाई से ईश्वर शरण डिग्री कॉलेज में पठन-पाठन प्रभावित हो जाएगा। कॉलेज बिल्डिंग को सेना ने सील करने की तैयारी कर ली है। इसके लिए सेना ने कालेज प्रबंधन को नोटिस भी थमा दी है। साथ ही प्रशासन को सूचित कर दिया है। सेना की इस कार्यवाही से स्कूल प्रबंधन और यहां पढ़ने वाले छात्रों में नाराजगी है। इससे पहले परेड मैदान पर भी सेना और प्रशासन के बीच जमीन को लेकर विवाद हो चुका है। फिलहाल परेड की बिल्डिंग प्रशासन के कब्जे में है लेकिन कोई फैसला नहीं हो सका है।

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    सेना ने सलोरी में लीज पर जमीन दी थी

    दशकों पहले सेना ने हरिजन सेवा संघ को सलोरी में लीज पर 45 एकड़ जमीन दी थी। उसे जमीन में से करीब 11 एकड़ में निर्माण कराने की अनुमति दी थी। ईश्वर शरण डिग्री कॉलेज प्रबंधन ने करीब 11 एकड़ पर ही निर्माण कराया है लेकिन जो निर्माण कराया है, वह सेना की जमीन पर बताया जा रहा हैं। सेना में जमीन का काम देख रहे रक्षा संपदा विभाग ने पिछले दिनों वहां पर जाकर जमीनों पैमाइश की।

    ईश्वर शरण कॉलेज प्रबंधन अब कोर्ट की शरण में

    रक्षा संपदा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ईश्वर शरण डिग्री कॉलेज को जो जमीन निर्माण के लिए दी गई थी, उस पर निर्माण न करके दूसरी जमीन पर कर दिया है। इसलिए वह निर्माण कब्जे में लिया जा रहा है। ऐसे में ईश्वर शरण कॉलेज प्रबंधन ने कोर्ट की शरण में है।

    ईश्वर शरण कॉलेज के प्रबंधक ने यह कहा

    ईश्वर शरण कॉलेज के प्रबंधक आरके श्रीवास्तव ने बताया कि उनका मामला डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में लंबित है। सेना के अधिकारी मनमानी कर रहे हैं। उनकी इस कार्रवाई से कॉलेज में पठन-पाठन प्रभावित होगा। उन्होंने कहा कि सेना की पूरी जमीन छोड़कर हमने निर्माण करवाया है। उन्होंने जो जमीन निर्माण के लिए अनुमति दी थी, उसी पर निर्माण है। उनकी पैमाइश ठीक नहीं है। फिलहाल दोनों के विवाद को देखते हुए अभी तक बिल्डिंग सीलिंग की कार्रवाई नहीं हुई है। इस मामले में प्रशासन स्तर से भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है।