पशु और मत्स्य पालकों को भी किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ Prayagraj News
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थियों को केसीसी से जोडऩे के लिए शुरू हुए अभियान के दौरान सिर्फ पशुपालकों व मत्स्य पालकों को इसका लाभ दिए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रयागराज,जेएनएन। अब पशु और मत्स्य पालकों को भी किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) का लाभ दिया जाएगा। केसीसी का लाभ अब तक किसानों व खेती के साथ पशु पालन करने वालों को ही दिया जाता था। मगर नए निर्देश के मुताबिक जो खेती नहीं करता है और पशु व मत्स्य पालन करना चाहता है तो उसे भी केसीसी का लाभ दिया जाएगा।
पशु और मत्स्य पालक किसानों की केसीसी की ऋण सीमा बढ़ सकती है
नए शासनादेश के मुताबिक खेती के साथ ही पशु या मत्स्य पालन अथवा दोनों करते हैैं उनकी केसीसी की ऋण सीमा अब बढ़ाई भी जा सकती है। दरअसल, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थियों को केसीसी से जोडऩे के लिए शुरू हुए अभियान के दौरान ही सिर्फ पशुपालकों व मत्स्य पालकों को भी इसका लाभ दिए जाने के निर्देश दिए गए हैैं। जिले में लगभग डेढ़ लाख ऐसे लाभार्थी हैैं जो प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तो पात्र हैैं मगर उन्हें केसीसी का लाभ नहीं मिल रहा है। ऐसे किसानों को केसीसी से जोड़ा जाएगा।
बांस से किसान अपनी आय कर सकते हैं दोगुनी
हरित कौशल विकास अपने आप में अनूठी शुरुआत है। इसके जरिए न सिर्फ रोजगार व उद्यमिता के साधन प्राप्त होंगे, बल्कि पर्यावरण संरक्षण को भी बल मिलेगा। यह बातें बुधवार को मोती लाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक प्रो. राजीव त्रिपाठी ने पारि-पुनस्र्थापन वन अनुसंधान केंद्र में बतौर मुख्य अतिथि कहीं। बांस प्रवर्धन एवं प्रबंधन विषय पर 38 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत केंद्र में हुई। केंद्र प्रमुख डा. संजय सिंह ने बताया कि बांस एक ऐसी प्रजाति है, जिसके जरिए किसान अपनी आय को दोगुना करने के साथ जलवायु परिवर्तन में भी सुधार ला सकता है। मुख्य अतिथि केंद्र प्रमुख के साथ अन्य वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने केंद्र विवरणिका का विमोचन किया। कार्यक्रम समन्वयक आलोक यादव ने इसके उद्देश्यों की जानकारी दी। संचालन डॉ. अनुभा श्रीवास्तव ने किया। धन्यवाद ज्ञापन वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अनीता तोमर ने किया। तकनीकी अधिकारी डॉ. एस डी शुक्ला, रतन कुमार गुप्ता, राजकुमार, अंकुर, हरिओम, प्रदीप आदि का विशेष सहयोग रहा।
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