आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का समस्याओं पर मंथन, जिलाधिकारी को दिया ज्ञापन
राष्ट्रीय सनातन सेना के राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र कुमार त्रिपाठी ने कहा की आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को अपनी सेवा देते हुए 45 वर्ष बीत गए। लेकिन जो लाभ उन्हेंं मिलना चाहिए वह अभी नहीं मिला है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को उनके पारिश्रमिक के अनुसार मानदेय दिया जाना चाहिए।

प्रयागराज, जेएनएन। आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की ओर से बैठक की गई। इसमें विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। इसके बाद प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा गया। इसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं विभिन्न समस्याओं का निस्तारण कराने की मांग की गई। अध्यक्षता आंगनबाड़ी कर्मचारी एसोसिएशन संघ के प्रदेश प्रभारी श्याम सूरत पांडे और संचालन आंगनबाड़ी कर्मचारी एसोसिएशन के मंडल संरक्षक संतोष मिश्रा ने किया।
राष्ट्रीय सनातन सेना के राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र कुमार त्रिपाठी ने कहा की आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को अपनी सेवा देते हुए 45 वर्ष बीत गए। लेकिन, जो लाभ उन्हेंं मिलना चाहिए वह अभी नहीं मिला है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को उनके पारिश्रमिक के अनुसार मानदेय दिया जाना चाहिए। ये बहुत ही संवेदनशील काम किया जाता है और कुपोषण जैसी समस्या से हमारे देश को उबारने का काम आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों करती हैं। इसलिए इनके भी मान सम्मान एवं अधिकारों की रक्षा होनी चाहिए।
इस मौके पर सुरूर फातमा विद्या देवी, मीना पटेल, ललिता सिंह, सरिता देवी सुशीला मिश्रा, उमा यादव, आभा मिश्रा, बिमलेश देवी, उर्मिला, सरोज देवी, संतोष देवी, रिचा देवी, शशिबाला देवी, रुचि देवी, विद्यावती देवी, पुष्पा देवी, संगीता कुशवाहा आदि उपस्थित रहीं।
उत्कृष्ट काम करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सम्मानित
आंगनबाड़ी सशक्तिकरण सम्मान व अधिकार चिंतन सम्मेलन जिला कचहरी प्रयागराज के पास डिप्लोमा इंजीनियर संघ भवन में हुआ। मुख्य अतिथि महापौर अभिलाषा नंदी गुप्ता, विशिष्ट अतिथि व जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज कुमार राव रहे। उत्कृष्ट काम करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में प्रदेश प्रभारी श्याम सूरत पांडेय, रवि शंकर द्विवेदी, वरिष्ठ पार्षद कुसुम गुप्ता, पार्षद शिव कुमार, पार्षद राजेश कुशवाहा, पार्षद अनूप मिश्रा, सुपरवाइजर एसोसिएशन की अध्यक्ष अर्चना सिंह, बाल विकास परियोजना अधिकारी चाका की प्रभारी शांता त्रिपाठी ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
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