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    Bhardwaj Park: वैदिक मंत्रोच्चार के बीच प्रयागराज में महर्षि भरद्वाज की भव्य प्रतिमा को धारण कराया जनेऊ

    By Ankur TripathiEdited By:
    Updated: Tue, 27 Jul 2021 06:21 PM (IST)

    सनातन परंपरा के हस्ताक्षर महर्षि भरद्वाज को जनेऊ धारण कराकर इस परंपरा को आगे बढ़ाया गया। मांग की गई कि बालसन चौराहे का नाम महर्षि भरद्वाज चौराहा किया जाए। द्विवेदी ने प्रदेश सरकार से अनुरोध किया कि भरद्वाज आश्रम को निशुल्क किया जाए और संग्रहालय की स्थापना कराई जाए

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    भाजपा नेता विजय कुमार द्विवेदी ने 11 ब्राह्मणों के द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के बीच प्रतिमा को जनेऊ धारण कराया।

    प्रयागराज, जागरण संवाददाता। महर्षि भरद्वाज पार्क तो आप गए ही होंगे और इनके बारे में बखूबी जानते भी होंगे क्योंकि इनके साथ रामकथा जुड़ी है। पुराणों में उल्लेख है कि वनवास के लिए चित्रकूट जाते वक्त श्री राम और लक्ष्मण ने प्रयागराज में महर्षि भरद्वाज से उनके आश्रम आकर आशीर्वाद लिया था। उनके नाम पर ही यह पार्क स्थापित किया गया था। महर्षि भरद्वाज को प्रयागराज का प्रथम नागरिक कहा जाता है क्योंकि यह भी पुराणों में है कि उन्होंने ही प्रयागराज नगरी को बसाया था। प्रयागराज में सबसे बड़े गुरुकुल (विश्वविद्यालय) की स्थापना की। उन्हीं भरद्वाज मुनि की प्रतिमा को मंगलवार दोपहर अधिवक्ता और भाजपा नेता विजय कुमार द्विवेदी समेत अन्य तमाम नागरिकों ने 11 ब्राह्मणों के द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के बीच जनेऊ धारण कराया।

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    सनातन परंपरा के हस्ताक्षर हैं मुनि भरद्वाज

    बालसन चौराहा स्थित भरद्वाज पार्क का सुंदरीकरण दो साल पहले कुंभ से पहले कराया गया था। तभी यहां महर्षि भरद्वाज की 30 फुट ऊंची और 12 टन वजनी प्रतिमा भी स्थापित की गई थी। इस भव्य और विशाल प्रतिमा का अनावरण जनवरी 2019 में किया गया था। भाजपा नेता विजय द्विवेदी का कहना है कि भरद्वाज मुनि की प्रतिमा को प्रतीकात्मक रूप से जनेऊ नहीं धारण कराया गया था। इसी वजह से यह निर्णय लिया गया किया कि प्रतिमा को जनेऊ धारण कराया जाएगा। प्रयागराज धर्म संस्कृति और सनातन परंपरा की नगरी है। इसकी पहचान ऋषियों की तपोभूमि के रूप में है। ऐसे में सनातन परंपरा के हस्ताक्षर महर्षि भरद्वाज को जनेऊ धारण कराकर इस परंपरा को आगे बढ़ाया गया। यह भी मांग की गई कि बालसन चौराहे का नाम महर्षि भरद्वाज चौराहा किया जाए। कार्यक्रम की अगुवाई कर रहे विजय द्विवेदी ने कहा कि हमारी परंपरा में साधु-संतों क्रांतिकारी और बलिदानियों से प्रेरणा लेकर उनके आदर्शों का पालन करना रहा है। उनके विषय में समाज के नौजवानों को बताना और प्रेरित करने का काम यहां होता रहा है। महर्षि भरद्वाज प्रयागराज की शान रहे हैं। ऐसे में उनका सम्मान करना हर प्रयागराज वासी का कर्तव्य है और हम इस कर्तव्य को निभाते रहेंगे।

    निशुल्क किया जाए पार्क में प्रवेश और बने संग्रहालय

    द्विवेदी ने प्रदेश सरकार से यह भी अनुरोध किया है कि भरद्वाज आश्रम में प्रवेश निशुल्क किया जाए और महर्षि भरद्वाज से संबंधित संग्रहालय की स्थापना कराई जाए जिससे प्रयागराज के नवयुवक उनके बारे में गहराई से जानकर उनका अनुसरण कर सकें। मंगलवार को जनेऊ धारण कराने के कार्यक्रम में राजेश पांडेय, मनोज दुबे, राजेन्द्र तिवारी, अभय पांडेय, दीपक मिश्रा, श्याम बिहारी तिवारी, केशव चंद्र द्विवेदी, डा. सीपी शर्मा, आलोक दुबे, अनुराग उपाध्याय, सौरभ पांडेय, अंकित द्विवेदी, आशीष मिश्रा, मनीष पाण्डेय, धनंजय त्रिपाठी, ऋषभ तिवारी, आकाश दुबे, अखिलेश कुमार, प्रवीण तिवारी, नमन श्रीवास्तव, शिवम तिवारी, संदीप द्विवेदी, शुभ त्रिपाठी, आदित्य सिंह, आशुतोष मिश्र, हरिओम त्रिपाठी, अमन मिश्र, करन शुक्ला, अरविंद गिरी, शिवम मिश्रा, अनिल पांडेय, गौरव चौबे, प्रमोद मिश्रा, सोनू पाठक आदि मौजूद रहे। पंडित दीपू शास्त्री द्वारा पूजन कार्य सम्पन्न कराया गया।

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