Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Allahabad University को जल्द मिलेगा नया Chancellor, खत्‍म होगी इंतजार की घड़ी, राष्‍ट्रपति लगाएंगे अंतिम मुहर

    By Brijesh SrivastavaEdited By:
    Updated: Fri, 26 Feb 2021 02:26 PM (IST)

    Allahabad University प्रशासन ने शुक्रवार को होने वाली कार्य परिषद के एजेंडे में इस मसले को भी प्रमुखता से शामिल कर लिया। सर्वसम्मति से मुहर लगने के बा ...और पढ़ें

    Hero Image
    इलाहाबाद विश्वविद्यालय में शीघ्र ही चांसलर की नियुक्ति हो जाएगी।

    प्रयागराज, [गुरुदीप त्रिपाठी]। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) में नए कुलाधिपति (चांसलर) की तलाश भी तेज हो गई है। शुक्रवार को विधि संकाय सभागार में होने वाली कार्यपरिषद की बैठक में पांच नाम के पैनल पर सर्वसम्मति से मंजूरी मिलने की उम्मीद है। इसके बाद सीलबंद लिफाफे में पैनल में शामिल नाम शिक्षा मंत्रालय को भेजे जाएंगे। बतौर विजिटर राष्ट्रपति नए कुलाधिपति के नाम पर अंतिम मुहर लगाएंगे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इविवि की वेबसाइट और दस्तावेजों में अभी भी शिक्षाविद प्रोफेसर गोवर्धन मेहता का नाम कुलाधिपति के रूप में दर्ज है, जबकि उनका कार्यकाल 12 जून 2017 को समाप्त हो चुका है। प्रोफेसर मेहता ने कार्यकाल पूरा होने से पहले ही मंत्रालय को इस्तीफा भेज दिया था। इसमें उन्होंने तमाम खामियां गिनाते हुए कहा था कि वह इन्हीं वजहों से कभी इविवि नहीं गए।

    पैनल में भेजा था अमिताभ का भी नाम

    मंत्रालय ने 29 जून 2019 को 10 दिन के भीतर कुलाधिपति पद के लिए देश के नामी विज्ञानी अथवा प्रबुद्ध व्यक्तियों के नाम मांगे। फिर 16 अगस्त 2019 को इविवि की तरफ से नए कुलाधिपति के लिए पांच नामों का पैनल तैयार कर मंत्रालय को भेजा गया। इनमें शिक्षाविद प्रो. केबी पांडेय, बालीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन, बीएचयू और केजीएमयू लखनऊ के कुलपति रह चुके प्रो. हरि गौतम, उत्तर प्रदेश के शिक्षामंत्री रहे डॉ. रवींद्र शुक्ल, जस्टिस सखाराम यादव और इसरो के पूर्व चेयरमैन के कस्तूरीरंगन का नाम था। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने सभी नाम को खारिज कर दिया।

    बतौर विजिटर राष्ट्रपति लगाएंगे अंतिम मुहर

    मंत्रालय के उपसचिव सूरत सिंह ने 28 अगस्त 2020 को इविवि प्रशासन को पत्र भेजकर नए सिरे से पांच नाम मांगे। अब इविवि प्रशासन ने शुक्रवार को होने वाली कार्य परिषद के एजेंडे में इस मसले को भी प्रमुखता से शामिल कर लिया। सर्वसम्मति से मुहर लगने के बाद सीलबंद लिफाफे में पांच नाम मंत्रालय को भेज दिए जाएंगे। इसके बाद फिर पांच वर्ष के लिए नए कुलाधिपति के नाम पर बतौर विजिटर,  राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अंतिम मुहर लगाएंगे।