Allahabad University : विश्वविद्यालय के छात्र बोले-हॉस्टलों में प्रवेश नहीं तो कैसी फीस, छात्रों का अगला कदम यह होगा
Allahabad University इविवि प्रशासन को हॉस्टल खाली कराने में आंदोलन का भी सामना करना पड़ा। छात्रों के सामने इविवि प्रशासन ने घुटने टेक दिए थे। इसके पूर ...और पढ़ें

जेएनएन, प्रयागराज। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) के हॉस्टलों की फीस माफ करने की मांग अब उठने लगी है। छात्रों का कहना है जब हॉस्टल में प्रवेश नहीं तो वह किस बात के लिए फीस की अदायगी करें। जल्द ही छात्रों का समूह इस मांग को लेकर कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर आरआर तिवारी से मुलाकात करेगा। इसकी अगुवाई छात्रनेता शरद शंकर मिश्र कर रहे हैं। उनका कहना है नए सत्र में भी हॉस्टलों की फीस न ली जाए। छात्र जबसे रहेंगे तभी से वह फीस देंगे।
कोरोना ने अचानक लगा दिए थे ताले
कोरोना वायरस संक्रमण के चलते इविवि प्रशासन ने अचानक फरमान जारी कर दिया। सभी अधीक्षक को पत्र भेजकर कहा गया कि वह जल्द छात्रों को घर भेजकर हॉस्टल खाली कराएं। हालांकि, छात्रों ने इसका विरोध भी किया था। फिलहाल काफी प्रयास के बाद छात्र अपने घरों को चले गए। तब से कुछ हॉस्टलों में ताले लगे थे।
आंदोलन का भी सामना करना पड़ा
इविवि प्रशासन को हॉस्टल खाली कराने में आंदोलन का भी सामना करना पड़ा। छात्रों के सामने इविवि प्रशासन ने घुटने टेक दिए थे। इसके पूर्व डीएसडब्ल्यू कार्यालय और कुलपति कार्यालय के बाहर भी प्रदर्शन और धरना चला। इस पर आश्वासन दिया गया कि जल्द हॉस्टल खोल दिए जाएंगे।
कुछ हॉस्टलों के ताले भी टूटे
इविवि प्रशासन की तरफ से सकारात्मक जवाब न मिलने पर छात्रों ने कुछ हॉस्टलों के ताले भी तोड़ दिए। अब वहां रहकर वह तैयारी भी कर रहे हैं। यही नहीं वहां मेस का भी संचालन किया जा था है। हालांकि, इन सबसे विवि प्रशासन पूरी तरह से अनजान बना हुआ है।
विभागों ने खड़े कर दिए हाथ
रजिस्ट्रार प्रो. एनके शुक्ल की तरफ से पांच अक्टूबर को आदेश जारी किया गया था कि विज्ञान संकाय के पीजी छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए हॉस्टल खोले जा सकते हैं। हालांकि, इसके लिए विभागाध्यक्ष की सहमति आवश्यक है। फिलहाल सभी अध्यक्ष ने कोरोना का हवाला देकर हाथ खड़े कर दिए। उनका कहना था ऐसे वक्त में वह लैब नहीं खुलवा सकते।

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