इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में पढ़ाएंगे दुनिया भर के नामी-गिरामी शिक्षक, 75 शिक्षाविदों के नाम हुए तय
शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए इवि अब देश-विदेश के नामी संस्थानों के शिक्षकों की मदद लेगा। इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने 18 विभागों के लिए 75 शिक्षाविदों को सूची तैयार कर ली है। विश्वविद्यालय ने पहली बार यह अनूठी पहल शुरू की है।

गुरुदीप त्रिपाठी, प्रयागराज। पूरब के आक्सफोर्ड कहे जाने वाले इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए अब देश-विदेश के नामी संस्थानों के शिक्षकों की मदद लेगा। इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने 18 विभागों के लिए 75 शिक्षाविदों को सूची तैयार कर ली है। विश्वविद्यालय ने पहली बार यह अनूठी पहल शुरू की है। इवि अपने इस बड़े फैसले से शैक्षणिक गुणवत्ता में वैश्विक पहचान बनाने की कवायद में जुटा है। इस अनूठी पहल को कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने हरी झंडी दे दी है।
शिक्षा के स्तर में सुधार लाने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने लिया बड़ा फैसला
विश्वविद्यालय की जनसंपर्क अधिकारी डाक्टर जया कपूर ने बताया कि यह शिक्षाविद स्नातक और परास्नातक के छात्र-छात्राओं को वर्चुअल मोड में लेक्चर देंगे। इसके अलावा शोध कार्याें को वैश्विक पहचान भी दिलाने में मदद करेंगे। यूजीसी की अनुमति के बाद देश के नामी संस्थानों के शिक्षाविदों की सूची तैयार कर ली गई है। इसमें इवि के रिटायर्ड शिक्षकों के अलावा दिल्ली विश्वविद्यालय, यूनिवर्सिटी आफ मैनचेस्टर, पेन्सिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी, आइआइटी खडगपुर, बंगलुरु के नेशनल इंस्टीट्यूट आफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेज, ओड़िशा के बरहामपुर यूनिवर्सिटी, पश्चिम बंगाल के कल्याणी विश्वविद्यालय, डेनमार्क के आर्हस यूनिवर्सिटी, चीन के हुबेई पालिटेक्निक यूनिवर्सिटी, तमिलनाडु के इंडियन इंस्टीट्यूट आफ फूड प्रोसेसिंग टेक्नोलाजी, मुंबई के इंस्टीट्यूट आफ केमिकल टेक्नोलाजी, वाराणसी की बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, जेएनयू, ग्वालियर के जीवाजी यूनिवर्सिटी, यूएसए के यूनिवसिर्टी आफ मैरिलैंड, टेक्सास के सैन एंटानियो स्थित लांग स्कूल आफ मेडिसिन एंड स्कूल आफ डेंटिस्ट्री यूटी हेल्थ, आइआइटी कानपुर, आइआइटी गुवाहटी, डेनमार्क के नार्डिक इंस्टीट्यूट आफ एशियन स्टडीज, यूके स्थित पार्क यूनिवर्सिटी, जर्मनी की टूबिनजन यूनिवर्सिटी, पंजाब यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी आफ कोलकाता के अलावा फ्रांस, बेल्जियम, उज्बेकिस्तान, असम, स्काटलैंड और जापान के नामी संस्थानों के शिक्षक शामिल हैं। यह शिक्षाविद आगामी दो वर्ष तक आनलाइन मोड में पढ़ाएंगे।
इन पाठ्यक्रमों के लिए नियुक्ति
वोकेशनल स्टडीज, मनोविज्ञान, जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन, थिएटर एंड फिल्म, डीन रिसर्च एंड डेवलपमेंट, फिजिक्स, सेंटर फार फूड टेक्नोलाजी, राजनीति विज्ञान,बायोटेक्नोलाजी, समाजशास्त्र, गणित, अरबी-फारसी, केबीसीएओएस, मानव विज्ञान, अर्थ एंड प्लेनेटरी साइंस।
इवि के पीआरओ ने यह बताया
यूजीसी के निर्देशों के अंतर्गत नामी शिक्षाविदों की सूची तैयार कर ली गई है। यह शिक्षक आने वाले दो वर्ष आनलाइन मोड में छात्र-छात्राओं को विशिष्ट तरह के लेक्चर के जरिए पढ़ाएंगे।
- डा. जया कपूर, पीआरओ।
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