अटाला में जुमे को हुए उपद्रव मामले में पार्षद फ़ज़ल खान के खिलाफ उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक
प्रयागराज के अटाला में 10 जून को जुमे की नमाज के बाद पथराव तोड़फोड़ और लोक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में करेलाबाग के पार्षद फ़ज़ल खान के खिलाफ खुल्दाबाद थाने में दर्ज एफआइआर के तहत उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रयागराज के अटाला में 10 जून को जुमे की नमाज के बाद पथराव, तोड़फोड़ और लोक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में करेलाबाग के पार्षद फ़ज़ल खान के खिलाफ खुल्दाबाद थाने में दर्ज एफआइआर के तहत उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है। साथ ही राज्य सरकार से याचिका पर जवाब मांगा है। याचिका की सुनवाई आठ सितंबर को होगी।
यह आदेश न्यायमूर्ति राजवीर सिंह ने दिया है। याचिका पर अधिवक्ता जफर अब्बास ने बहस की। उल्लेखनीय है कि कानपुर में हिंसात्मक घटना के हफ्ते भर बाद 10 जून को जुमे की नमाज के बाद अटाला में भीड़ ने पुलिस बल पर पथराव और आगजनी की थी। कई पुलिसवाले घायल हो गए थे। इस बवाल में पुलिस ने जावेद पंप और फजल समेत अन्य के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई थी। तीसरे रोज जावेद पंप का घर ध्वस्त कर दिया गया था। पीडीए का कहना है कि अवैध रूप से बने मकान को नियमानुसार ध्वस्त किया गया था।
सहायक बैंक प्रबंधक की जमानत अर्जी मंजूर
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के आरोपी बैंक के सहायक प्रबंधक की सशर्त जमानत अर्जी मंजूर कर ली है। कोर्ट ने कहा कि याची को निजी मुचलके और दो प्रतिभूतियों पर रिहा किया जाए। यह आदेश न्यायमूर्ति समित गोपाल ने नवीन कुमार शर्मा की अर्जी पर दिया है।
याची पर सह अभियुक्तों के साथ मिलकर बेइमानी और धोखे से बैंक में किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए फंड ट्रांसफर करने का आरोप है। सीबीआइ की ओर से तर्क दिया गया कि फंड ट्रांसफर याची के यूजर आईडी के जरिए ही हुआ है। बिना याची के मिली भगत के फंड ट्रांसफर नहीं हो सकता है। याची जांच में भी सहयोग नहीं कर रहा है। याची का कहना है कि वह निर्दोष है। उसे बिना ठोस सबूत के फंसाया गया है। फंड ट्रांसफर से उसे कोई लाभ नहीं हुआ है। बैंक से बैंक में राशि ट्रांसफर की गई है।
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