Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Allahabad High Court का प्रमुख सचिव समाज कल्‍याण को निर्देश, स्‍क्रुटनी कमेटी के कार्यों का विवरण मांगा

    By Brijesh SrivastavaEdited By:
    Updated: Wed, 27 Jul 2022 07:47 AM (IST)

    इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा गया था समाज कल्याण विभाग के उप सचिव द्वारा 27 अगस्त 2021 को जिलाधिकारी गाजीपुर को भेजे गए पत्र के बावजूद डी ...और पढ़ें

    Hero Image
    इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रदेश सरकार से जिला स्तरीय जाति स्क्रुटनी कमेटी के समक्ष शिकायतों की मांगी जानकारी मांगी है।

    प्रयागराज, जागरण संवाददाता। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रदेश के प्रमुख सचिव समाज कल्याण को निर्देश दिया है कि वह प्रदेश के सभी जिलों में गठित जिला स्तरीय जाति स्कूटनी कमेटी द्वारा किए गए कार्यों का विवरण दें। कोर्ट ने कहा कि प्रदेश सरकार कोर्ट को अवगत कराए कि प्रत्येक जिलों में गठित जिला स्तरीय जाति स्क्रुटनी कमेटियां क्या काम कर रही है और कितने जाति से संबंधित गलत सर्टिफिकेटों का उसके द्वारा निस्तारण किया जाता है। कोर्ट ने सभी जिलों से जाति संबंधी शिकायतों व उसके निस्तारण की सूची कोर्ट को मुहैया कराने का निर्देश दिया है। कोर्ट इस जनहित याचिका पर 6 सितंबर को सुनवाई करेगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गाजीपुर के नागरिक सेवा समिति प्रबंध समिति व अन्‍य की जनहित याचिका : यह आदेश चीफ जस्टिस राजेश बिंदल व जस्टिस जेजे मुनीर की खंडपीठ ने गाजीपुर के नागरिक सेवा समिति दिलदारनगर की प्रबंध समिति व अन्य की तरफ से दाखिल जनहित याचिका पर पारित किया है। याचिका दाखिल कर कहा गया था समाज कल्याण विभाग के उप सचिव राकेश कुमार सचान द्वारा 27 अगस्त 2021 को जिलाधिकारी गाजीपुर को भेजे गए पत्र के बावजूद डीएम की जाति स्कूटनी कमेटी ने याची के मामले पर कोई निर्णय नहीं लिया। याचिका में गाजीपुर में जाति स्कूटनी कमेटी का गठन कर मामले का निस्तारण किए जाने की याचिका में मांग की गई थी।

    प्रदेश सरकार के अपर मुख्‍य स्‍थायी अधिवक्‍ता ने कोर्ट को बताया : याचिका की सुनवाई के दौरान प्रदेश सरकार के अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता रामानंद पांडेय ने कोर्ट को बताया कि प्रदेश सरकार ने हर जिलों में जाति संबंधी विवादों के निस्तारण के लिए जिला स्तरीय जाति स्कूटनी कमेटी का गठन कर रखा है। बताया गया कि हर जिलों में इस कमेटी का चेयरमैन जिलाधिकारी होता है और कमेटी जाति संबंधी शिकायतों का निस्तारण करती है। कोर्ट ने कहा यदि कमेटी सही से काम करती होती तो शासन के 27 अगस्त 2021 के पत्र के बावजूद डीएम गाजीपुर ने याची के जाति संबंधी गलत सर्टिफिकेट जारी होने के शिकायत पर निर्णय क्यों नहीं लिया।

    याची की ओर से यह कहा गया : याची का कहना था की दिलदार नगर, गाजीपुर के रामधनी राम, जमानिया तहसील के संदीप कुमार खरवार, अन्य पिछड़ी जाति के हैं परंतु उन्हें तहसीलदार ने अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र जारी किया है और वे इस आधार पर सरकारी नौकरी कर रहे हैं। याचिका में उनके जाति प्रमाण पत्र को निरस्त करने की भी मांग की गई है। कोर्ट ने जाति प्रमाण पत्रों के विवादों के निस्तारण के लिए शासनादेश से गठित जिला स्तरीय जाति स्कूटनी कमेटी के कार्यों व उनके द्वारा इस प्रकार के विवादों के निस्तारण में देरी को लेकर नाराजगी जताई है।

    जनहित याचिका पर अगली सुनवाई 6 सितंबर को : कोर्ट ने इस जनहित याचिका पर संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से जानकारी मुहैया कराने को कहा है और पूछा है कि जिला स्तरीय कमेटी क्या काम कर रही है। कितने विवाद अलग अलग जिले में लंबित है और कितना निस्तारण हुआ है। कोर्ट इस जनहित याचिका पर 6 सितंबर को सुनवाई करेगी।