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    इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा- BHU के बर्खास्त सहायक प्रोफेसर की विजिटर के समक्ष लंबित अपील का 1 माह में हो निस्‍तारण

    By JagranEdited By: Brijesh Srivastava
    Updated: Tue, 27 Sep 2022 08:39 AM (IST)

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याची सहायक प्रोफेसर को भी दो हफ्ते में आदेश की प्रति केंद्र सरकार को प्रेषित करने का आदेश देते हुए कहा कि अनुसचिव प्रकरण विजिटर के समक्ष पेश करें। यह आदेश न्यायमूर्ति एसडी सिंह ने डा. राजेश कुमार सिंह की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है।

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    इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका पर काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी की तरफ से अधिवक्ता ने बहस की।

    प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने शिक्षा मंत्रालय के अनुसचिव को बीएचयू से संबद्ध डीएवी डिग्री कालेज के सहायक प्रोफेसर राजेश कुमार सिंह की विजिटर के समक्ष विचाराधीन अपील का निस्तारण एक माह में सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा वह विजिटर को निर्देश जारी नहीं कर सकते लेकिन विश्वास है कि अपील पर उचित आदेश पारित होगा।

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    दो सप्‍ताह में आदेश की प्रति केंद्र सरकार को प्रेषित करने का आदेश : कोर्ट ने याची सहायक प्रोफेसर को भी दो हफ्ते में आदेश की प्रति केंद्र सरकार को प्रेषित करने का आदेश देते हुए कहा कि अनुसचिव प्रकरण विजिटर के समक्ष पेश करें। यह आदेश न्यायमूर्ति एसडी सिंह ने डा. राजेश कुमार सिंह की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है।

    डीएवी कालेज कालेज वाराणसी के सहायक प्रोफेसर का मामला : याचिका पर काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी की तरफ से अधिवक्ता हेम प्रताप सिंह ने बहस की। याचिका के अनुसार याची डीएवी डिग्री कालेज वाराणसी में सहायक प्रोफेसर थे। इस पर रिसर्च स्कालर छात्रा से छेड़छाड़ व अन्य सहकर्मियों से बदसलूकी करने के मामले में कालेज प्रबंध समिति ने बर्खास्त कर दिया गया। विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी ने इसका अनुमोदन भी कर दिया।इसी आदेश के खिलाफ विजिटर (राष्ट्रपति)के समक्ष अपील 8 मार्च 2014 से लंबित है। याचिका में लंबित अपील शीघ्र तय किए जाने का समादेश जारी करने की मांग की गई थी। विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से कहा गया कि अनुसचिव को अनुस्मारक भेजा गया है।जिस पर कोर्ट ने यह आदेश दिया है।

    फर्म, सोसाइटी रजिस्ट्रार प्रयागराज के आदेश पर रोक : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सहायक रजिस्ट्रार फर्म, सोसाइटी एंड चिट्स प्रयागराज के आठ सितंबर 2012 को जारी नोटिस को चुनौती देने वाली याचिका पर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट इस याचिका पर सात नवंबर 2022 को सुनवाई करेगी। इस बीच कोर्ट ने रजिस्ट्रार प्रयागराज द्वारा जारी नोटिस पर रोक लगा दी है। यह आदेश सलिल कुमार राय ने डेविड ए. ल्यूक की याचिका पर दिया है। याची का कहना है कि उप निबंधक को सभी संस्थाओं की जांच कराने का अधिकार नहीं है।