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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी में सुगम दर्शन योजना को हरी झंडी दी

सुगम दर्शन योजना शारीरिक रूप से अक्षम लोगों को सुविधा प्रदान करने के लिए है। इसके लिए उनसे सिर्फ नाम मात्र का शुल्क लिया जाएगा। यह सुविधा वीआइपी कल्चर को बढ़ावा देने के लिए नहीं बल्कि लोगों की मदद के लिए है। इससे आम श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत नहीं होगी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 01 Dec 2021 11:52 AM (IST)Updated: Wed, 01 Dec 2021 11:52 AM (IST)
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी में सुगम दर्शन योजना को हरी झंडी दी
इस योजना के तहत कुछ राशि के भुगतान के आधार पर वीआइपी दर्शन कराने की सुविधा देने की व्यवस्था है।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर में सुगम दर्शन योजना लागू करने की चुनौती याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि जब कानून में न्यासी बोर्ड को शुल्क तय करने व पूजा व्यवस्था करने का अधिकार दिया गया है तो वे सुगम दर्शन के लिए निर्णय ले सकते हैं। उनका यह निर्णय न्यायिक पुनर्विलोकन शक्ति में नहीं आता।

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कोर्ट ने कहा कि न्यासी बोर्ड को फैसले लेने का अधिकार

यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज मिश्र तथा न्यायमूर्ति समीर जैन की खंडपीठ ने गजेंद्र सिंह यादव की जनहित याचिका पर दिया है। इस योजना के तहत कुछ राशि के भुगतान के आधार पर वीआइपी दर्शन कराने की सुविधा देने की व्यवस्था है। सरकार ने कहा यह सुविधा शारीरिक या अन्य रूप से लाइन में खड़े होकर दर्शन करने में असमर्थ दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए जरूरी है। याची ने कहा कि योजना से वीआइपी कल्चर को बढ़ावा मिलेगा। जो संविधान के अनुच्छेद 14 ,15, 25 और 26 के तहत मौलिक अधिकारों का उल्लंघन तथा नागरिकों में भेदभाव करने वाली है। कोर्ट ने कहा कि न्यासी बोर्ड को फैसले लेने का अधिकार है। इसमें हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है।

यूपी सरकार व मंदिर प्रशासन समिति की यह थी दलील

यूपी सरकार व मंदिर प्रशासन समिति की दलील थी कि सुगम दर्शन योजना किसी को रोकने या उनकी पूजा में रुकावट पैदा करने के लिए नहीं है। यह सुविधा उपलब्ध कराने की योजना है। आम दर्शनार्थियों पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। सुगम दर्शन योजना शारीरिक रूप से अक्षम लोगों को सुविधा प्रदान करने के लिए है। इसके लिए उनसे सिर्फ नाम मात्र का शुल्क लिया जाएगा। यह सुविधा वीआइपी कल्चर को बढ़ावा देने के लिए नहीं, बल्कि लोगों की मदद के लिए है। इससे आम श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत नहीं होगी। सुगम दर्शन करने वालों को भी आम श्रद्धालुओं की तरह ही गर्भ गृह में रुकने का समय मिलेगा।

काशी विश्‍वनाथ मंदिर के न्‍यासी बोर्ड सुगम दर्शन योजना शुरू कर रहा

काशी विश्वनाथ मंदिर के न्यासी बोर्ड ने पिछले दिनों यह फैसला लिया कि वह सुगम दर्शन की योजना शुरू कर रहा है। सुगम दर्शन के तहत कुछ पैसों का भुगतान कर भीड़ से अलग गर्भ गृह में जाकर दर्शन किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट के आदि विश्वेश्वर काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी केस के फैसले का हवाला दिया गया, जिसमें कहा गया है कि प्रत्येक हिंदू की मंदिर में प्रवेश करने व पूजा, दर्शन व शिव लिंग को छूने का अधिकार है। शास्त्रों के अनुसार सभी को पूजा दर्शन का धार्मिक अधिकार है। यह संवैधानिक है। यह भी कहा गया कि तिरुपति बालाजी मंदिर व वैष्णव देवी में ऐसी सुविधा उपलब्ध है।


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