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    Allahabad High Court: यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के CEO जवाब दें या फिर हाजिर हों

    By Jagran NewsEdited By: Ankur Tripathi
    Updated: Tue, 01 Nov 2022 04:52 PM (IST)

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी से ध्वस्तीकरण मामले में व्यक्तिगत हलफनामा मांगा और कहा है कि आदेश का पालन न करने के दशा में जरूरी पत्रावली के साथ 17 नवंबर को हाजिर हो।

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    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के CEO से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा

    प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी से ध्वस्तीकरण मामले में व्यक्तिगत हलफनामा मांगा और कहा है कि आदेश का पालन न करने के दशा में जरूरी पत्रावली के साथ 17 नवंबर को हाजिर हो।

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    तीन बार दिया समय लेकिन दाखिल नहीं जवाबी हलफनामा

    हाई कोर्ट ने कहा कि तीन बार जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया गया लेकिन हलफनामा दाखिल नहीं किया गया है। यह आदेश न्यायमूर्ति एम के गुप्ता तथा न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने सुदेश कुमार सिंह की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता प्रेम कुमार चौरसिया ने बहस की।

    बिना किसी पूर्व नोटिस ढहा दिया गेट और मकान की बाउंड्री

    याची अधिवक्ता का कहना है कि बुलंदशहर की तहसील सिकंदराबाद के झांझर गांव में डाटा संख्या 650 रकबा 888.35 वर्गमीटर में याची का पुश्तैनी मकान है। बिना किसी पूर्व नोटिस व कानूनी प्रक्रिया अपनाये मकान की बाउंड्री वाल तथा गेट प्राधिकरण द्वारा ध्वस्त कर दिया गया जिसके चुनौती दी गई है।