इलाहाबाद से पुणे को सीधी ट्रेन की मांग ठुकराई
इलाहाबाद से पुणे के बीच सीधी ट्रेन सेवा की मांग को ठुकरा दिया गया है। छह माह पूर्व हुई सांसदों की बैठक में दिए गए थे सुझाव।
जासं, इलाहाबाद : छह महीने पहले हुई इलाहाबाद मंडल के सांसदों की बैठक में इलाहाबाद से लेकर पुणे के लिए सीधी ट्रेन की मांग को रेलवे ने ठुकरा दिया है। इलाहाबाद मंडल के डीआरएम ने राज्यसभा सदस्य कुंवर रेवती रमण सिंह को पत्र भेजकर इसके बारे में जानकारी है। उनके द्वारा दिए गए कई सुझावों पर रेलवे बोर्ड स्तर पर विचार-विमर्श चल रहा है।
10 जनवरी को सिविल लाइंस के एक होटल में इलाहाबाद मंडल के सभी सांसदों की बैठक बुलाई गई थीं। इसमें इलाहाबाद, अलीगढ़, फर्रुखाबाद समेत मंडल के सांसदों ने अपने-अपने क्षेत्र में रेलवे के कामों की जानकारी दी थी। यात्रियों के लिए क्या-क्या सुविधाएं चाहिए। इसके बारे में सुझाव दिया था। राज्यसभा सदस्य कुंवर रेवती रमण सिंह के प्रतिनिधि विनय कुशवाहा ने बैठक अनारक्षित टिकट एवं प्लेटफार्म टिकट को भी आरक्षित टिकट की तरह ऑनलाइन करने, कानपुर-नई दिल्ली शताब्दी को इलाहाबाद से चलाने, इलाहाबाद से लखनऊ के लिए शताब्दी जैसी ट्रेन चलाने, इलाहाबाद से पुणे के बीच एक नियमित सुपरफास्ट ट्रेन चलाने समेत कई सुझाव दिए थे। डीआरएम इलाहाबाद ने उनके सुझावों का जवाब दे दिया है। अनारक्षित टिकट एवं प्लेटफार्म टिकट को आनलाइन करने की प्रक्रिया चल रही है। कानपुर-दिल्ली शताब्दी को इलाहाबाद से चलाने और इलाहाबाद से लखनऊ के बीच शताब्दी जैसी ट्रेन चलाने का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड के पास भेजा गया है। इलाहाबाद से पुणे के बीच सीधी ट्रेन की मांग को ठुकरा दिया है क्योंकि इलाहाबाद छिवकी से पुणे के लिए दो दैनिक गाड़ियों के अतिरिक्त चार अन्य साप्ताहिक गाडि़यां चल रही हैं। दो ग्रीष्मकालीन गाड़ियों का ठहराव भी है। इलाहाबाद में प्राथमिक अनुरक्षण के लिए वाशिंग लाइन में जगह उपलब्ध न होने, प्लेटफार्म की व्यस्तता के कारण इलाहाबाद से किसी नई ट्रेन का संचालन करना संभव नहीं है।
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