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    Air Marshal AP Singh: सेंट्रल एयर कमांड के एओसी-इन-चीफ बने एयर मार्शल एपी सिंह, बमरौली में संभाला कार्यभार

    By Ankur TripathiEdited By:
    Updated: Fri, 01 Jul 2022 09:01 PM (IST)

    उड़ान अनुदेशक एवं एक्सपेरिमेंटल टेस्ट पायलट के रूप में एयर मार्शल एपी सिंह को 4900 घंटे से भी अधिक अवधि तक उड़ान भरने का अनुभव है। अपने आपरेशनल सेवाकाल के दौरान उन्होंने मिग-27 स्क्वाड्रन के फ्लाइट कमांडर एयर बेस के कमांडिंग अफसर जैसे महत्वपूर्ण पदों को सुशोभित किया है।

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    एयर मार्शल एपी सिंह ने मध्य वायु कमान बमरौली में वायु अफसर कमांडिंग-इन-चीफ का पदभार ग्रहण किया

    प्रयागराज, जागरण संवाददाता। एयर मार्शल एपी सिंह ने शुक्रवार को मध्य वायु कमान बमरौली में वायु अफसर कमांडिंग-इन-चीफ (एओसी-इन-सी) का पदभार ग्रहण किया। एयर मार्शल ने भारतीय वायु सेना की लड़ाकू शाखा में 21 दिसंबर 1984 को कमीशन प्राप्त किया था।

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    रक्षा सेवा स्टाफ कालेज और राष्ट्रीय रक्षा कालेज के पुरा छात्र

    वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, रक्षा सेवा स्टाफ कालेज और राष्ट्रीय रक्षा कालेज के पुरा छात्र रहे। उड़ान अनुदेशक एवं एक्सपेरिमेंटल टेस्ट पायलट के रूप में एयर मार्शल एपी सिंह को 4900 घंटे से भी अधिक अवधि तक उड़ान भरने का अनुभव है। अपने आपरेशनल सेवाकाल के दौरान उन्होंने मिग-27 स्क्वाड्रन के फ्लाइट कमांडर, एयर बेस के कमांडिंग अफसर जैसे महत्वपूर्ण पदों को सुशोभित किया है। मास्को और रूस में भी उन्होंने मिग-29 के ‘अपग्रेड प्रोजेक्ट मैनेजमेंट टीम’ का प्रतिनिधित्व किया था। मध्य वायु कमान के कमांडिंग-इन-चीफ का पदभार ग्रहण करने से पूर्व वह पूर्वी वायु कमान के वरिष्ठ वायु स्टाफ अफसर थे। उनकी विशिष्ट सेवाओं को देखते हुए 26 जनवरी 2019 को राष्ट्रपति ने अति विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया था।

    एओसी-इन-चीफ को गार्ड आफ आनर से किया गया सम्मानित

    पदभार ग्रहण करने के दौरान एओसी-इन-चीफ को गार्ड आफ आनर से सम्मानित किया गया। इसके बाद उन्होंने कमान मुख्यालय में स्थापित युद्ध स्मारक पर श्रद्धा–सुमन समर्पित करते हुए उन बहादुर वायु योद्धाओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की, जिन्होंने राष्ट्र की सेवा में अपने प्राणों की आहुति दी।