Agriculture Sector News: कृषि वैज्ञानिकों की किसानों को सलाह, धान की कटाई के बाद गेहूं के लिए खेत तैयार करें
Agriculture Sector News शुआट्स के कृषि वैज्ञानिकों ने कृषकों को सलाह दी है कि धान की कटाई के बाद गेहूं के लिए खेत की तैयारी तत्काल कर लें। देख लें कि मिट्टी भुरभुरी हो जाए और ढेले न रहने पाएं। धान की शेष पक्की फसल की कटाई कर लें।

प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज के कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को बेहतर खेती संबंधी ज्ञानवर्द्धक जानकारी दी है। कृषि वैज्ञानिकों की सलाह के अनुसार खेती करके किसानों को लाभ होगा। इससे फसलों का उत्पादन भी अच्छा होगा। साथ ही खेती संबंधी परेशानी से भी बच सकेंगे। यह सलाह सैम हिग्गिनबााटम कृषि, प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान विश्वविद्यालय (शुआट्स) नैनी के कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को दी है।
शुआट्स के कृषि वैज्ञानिकों की किसानों को सलाह
शुआट्स में चल रहे ग्रामीण कृषि मौसम सेवा अंतर्गत भारत सरकार से प्राप्त पूर्वानुमान के अनुसार कृषि वैज्ञानिकों ने कृषकों को सलाह दी है कि धान की कटाई के बाद गेहूं के लिए खेत की तैयारी तत्काल कर लें। देख लें कि मिट्टी भुरभुरी हो जाए और ढेले न रहने पाएं। धान की शेष पक्की फसल की कटाई कर लें। यदि गेंहूं के बीज शोधित न हों तो प्रति किलोग्राम बीज को 2.5 ग्राम थीरम से शोधित कर लें। गेहूं के बीज पीबीडब्लू 343, सीवीडब्लू 38, डीबीडब्ल्यू 39, यूपी 2382, एचयूडब्ल्यू 510 गेहूूं की उपयुक्त किस्में हैं।
लाही की बोआई की विधि
कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को सलाह दी है कि लाही की पत्तियों को खाने वाली आरा मक्खी और बालदार गिडार का नियंत्रण करें। लाही की बोआई के 15-20 दिन पर अथवा हर हालत में सिंचाई के पहले पौधे की छटाई कर लें। पौधे घने होने और खरपतावार बढ़ने से लाही की उपज में 20-30 प्रतिशत की कमी हो सकती है। घने पौधे को निकालकर पौध से पौध की दूरी 10-15 सेमी कर लें।
चने और आलू की बोआई ऐसे करें
कृषि वैज्ञानिकों ने कहा कि किसान चने की बोआई के 30-35 दिन के बाद निराई और गुड़ाई कर लें। आलू की बोआई का उचित समय अक्टूबर माह है। यदि न हो पाई हो तो जल्द बोआई करें। आलू की कुफरी बहार, कुफरी बादशाह, कुफरी अशोका, कुफरी सतलज, कुफरी आनंद तथा लाल छिलके वाली कुफरी सिंदूरी और कुफरी लालिमा मुख्य प्रजतियां हैं।
गुलाब के पौधों की कटाइ्र-छटाई करें
गुलाब के पौधों की कटाई-छटाई कर कटे भागों पर डाईथेन एम 045 का 2 ग्राम प्रति लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें। पशुपालक पशुओं को खुरपका मुंहपका रोग का निरोधक टीका लगवाएं। साथ ही साथ संतुलित आहार के साथ कृमिनाशक दवा का सेवन कराएं।
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