Kamlesh Tiwari murder case: हिंदू नेता कमलेश तिवारी हत्याकांड में अभियुक्त आसिम की जमानत अर्जी प्रयागराज कोर्ट में खारिज
बहुचर्चित हिंदू नेता कमलेश तिवारी हत्याकांड के आरोपित आसिम अली की जमानत अर्जी मंगलवार को खारिज हो गई। जिला अदालत में आरोपित की जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई जिसके बाद अपर सत्र न्यायाधीश आरके शुक्ला ने जमानत अर्जी को नामंजूर किया।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। लखनऊ के बहुचर्चित हिंदू नेता कमलेश तिवारी हत्याकांड के आरोपित आसिम अली की जमानत अर्जी मंगलवार को खारिज हो गई। जिला अदालत में आरोपित की जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई, जिसके बाद अपर सत्र न्यायाधीश आरके शुक्ला ने जमानत अर्जी को नामंजूर किया। कोर्ट में जिला शासकीय अधिवक्ता गुलाब चंद्र अग्रहरि, अपर शासकीय अधिवक्ता गिरीश तिवारी व सहायक शासकीय अधिवक्ता हरिनारायण ने अपने तर्क प्रस्तुत किए।
नाका हिंडोला में 2019 को अंजाम दी थी यह वारदात
वर्ष 2019 में नाका हिंडोला थाना क्षेत्र में कमलेश तिवारी की हत्या हुई थी। अभियुक्त आसिम महराष्ट्र का रहने वाला है। अदालत ने कहा कि पत्रावली पर उपलब्ध केस डायरी से स्पष्ट होता है कि उसने अपने बयान में कहा है कि वह माइनारिटी डेमोक्रेटिक पार्टी विदर्भ का महासचिव है। 25 अक्टूबर 2017 को यूट्यूब पर एक वीडियो अपलोड किया, जिसका शीर्षक ‘कमलेश तिवारी मौत के करीब’ था। अदालत ने कहा कि मामले की परिस्थितियों, अपराध की गंभीरता को देखते हुए जमानत का पर्याप्त आधार नहीं है।
घर में मिलने आए दो व्यक्त्यिों ने किया था हमला
लखनऊ के नाका हिंडोला थाने में किरन तिवारी ने 18 अक्टूबर 2019 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप है कि दोपहर 12 बजे पति के साथ घर पर थी। तभी दो अज्ञात व्यक्ति मिलने आए और उनके पति से बातचीत करने लगे। करीब पांच मिनट बाद देखा तो उनके पति लहूलुहान जमीन पर गिरे हुए पड़े थे। यह भी लिखा कि तीन वर्ष पूर्व 2016 में इनके पति कमलेश तिवारी का सिर कलम करने के लिए मोहम्मद मूती, नसीम काजी कीरतपुर बिजनौर ने 51 लाख रुपए, मौलाना अनवारुल हक ने डेढ़ करोड़ रुपए का इनाम घोषित किया था। इन लोगों ने साजिश करके उसके पति की हत्या करा दी है।
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