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    प्रयागराज के बाल गृह में तमाम अव्यवस्था की शिकायत, डीएम ने कहा-होगी जांच और की जाएगी कार्रवाई

    By Ankur TripathiEdited By:
    Updated: Wed, 21 Sep 2022 08:59 PM (IST)

    प्रयागराज सिटी में राजरूपपुर स्थित बाल गृह में अव्यवस्था का मामला सामने आया है। डीएम ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए फौरन जांच के आदेश जारी कर दिए। जांच में पता चलेगा कि आखिर सच्चाई क्या है। इसमें फिर कार्रवाई की जाएगी

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    बाल गृह में कई अव्यवस्था की शिकायत पर डीएम ने बैठाई जांच

    प्रयागराज, जेएनए। प्रयागराज शहर के राजरूपपुर में 60 फीट रोड स्थित बाल गृह में कई तरह की अव्यवस्था की शिकायत मिलने पर  डीएम ने फौरन जांच के आदेश जारी कर दिए। जांच में पता चलेगा कि आखिर सच्चाई क्या है। डीएम का कहना है कि अगर अनियमितता मिली तो ठोस एक्शन लिया जाएगा।

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    बाल कल्याण समिति ने दी यौन शोषण की रिपोर्ट

    बुधवार शाम डीएम संजय कुमार खत्री बाल कल्याण समिति के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उसी दौरान समिति ने अव्यस्था की रिपोर्ट दी। इस पर डीएम ने जिला प्रोबेशन अधिकारी को अपर नगर मजिस्ट्रेट से जांच कराने के निर्देश दिए। इसके अलावा समिति ने दूसरी रिपोर्ट भी दी जिसमें सिविल लाइंस स्थित बालिका गृह में आवासित बालिकाओं को उनके मित्रों से मोबाइल से बात कराने तथा मिलवाने का पर्दाफाश किया गया है। इस पर डीएम ने यहां आवासित बालिकाओं को खुल्दाबाद स्थित बालिका गृह में शिफ्ट करने के निर्देश दिए।

    डीएम ने जिला प्रोबेशन अधिकारी को अपर नगर मजिस्ट्रेट से जांच कराने के निर्देश दिए। गुरुवार को मजिस्ट्रेट बाल गृह का निरीक्षण कर वहां बालकों का बयान दर्ज करेंगे। साथ ही बाल गृह में व्यवस्था का भी जायजा लेंगे।

    इस बाल गृह में 10 से 18 वर्ष तक के 28 बालक व किशोर आवासित हैैं। यहां भूले-भटके व परिवार से बिछड़े बच्चे ही आवासित किए जाते हैैं। बाल गृह की व्यवस्था की जिम्मेदारी जगवंती देवी स्वयं सेवी संस्था पर है। बालिका गृह की किशोरियों की दोस्तों से कराई जाती है।

    बैठक के दौरान ही बाल कल्याण समिति ने दूसरी रिपोर्ट भी दी, जिसमें सिविल लाइंस स्थित बालिका गृह में आवासित बालिकाओं को उनके मित्रों से मोबाइल से बात कराने तथा मिलवाने का पर्दाफाश किया गया है। इस पर डीएम ने यहां आवासित बालिकाओं को खुल्दाबाद स्थित राजकीय बालिका गृह में शिफ्ट करने के निर्देश दिए।

    इस बालिका गृह में 10 से 18 वर्ष तक की 32 बालिकाएं व किशोारियां हैैं। ये किशोरियां आशनाई के चक्कर में घर छोड़ी थीं और पकड़े जाने पर उन्हें बालिका गृह में रखा गया जबकि उनके दोस्त को जेल भेजा गया। बालिका गृह की व्यवस्था की जिम्मेदारी सहयोग नामक संस्था पर है।

    डीएम ने यह कहा

    राजरूपपुर स्थित बाल संरक्षण गृह में अव्यवस्था से बालकों के बीमार होने की रिपोर्ट पर मजिस्ट्रेटी जांच के निर्देश दिए गए हैैं। साथ ही आरोपितों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई को भी कहा गया है।

    -संजय कुमार खत्री, डीएम