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    प्रयागराज का एक अनूठा बैंक, जहां रकम नहीं मिलता है सेनेटरी पैड, अभिषेक बने हैं किशारियों के लिए Padman

    By Rajneesh MishraEdited By:
    Updated: Wed, 10 Feb 2021 07:00 AM (IST)

    मलिन बस्ती में बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ अभिषेक ने महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विवि (वर्धा) से वर्ष 2020 में मास्टर ऑफ सोशल वर्क (एमएसडब्ल्यू) की उपाधि ली। पहली जनवरी 2021 को उन्होंने बस्ती की युवतियों के लिए पैडबैंक की स्थापना की।

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    मलिन बस्ती में रहने वाली किशोरियों के लिए अनूठे बैंक की स्थापना की है। इसका नाम है सेनेटरी पैड बैंक।

    प्रयागराज, [गुरुदीप त्रिपाठी]। पहले शहर की मलिन बस्तियों में शिक्षा की लौ जलाई। फिर उनके सेहत की फिक्र की। अब बस्ती की किशोरियों के लिए 'पैडमैन' भी बन गए। यह हैं फूलपुर नगर पंचायत में शुक्लान मुहल्ले के अभिषेक शुक्ल...। उन्होंने शहर की मलिन बस्ती में रहने वाली किशोरियों के लिए अनूठे बैंक की स्थापना की है। इसका नाम है सेनेटरी पैड बैंक। अब तक 246 खाताधारक बन चुके हैैं इसके, बाकायदा पासबुक वाले। उन्हें मुफ्त में सेनेटरी नैपकिन मिल रही है।

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    उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय से वर्ष 2017 में बीसीए करने के बाद अभिषेक शहर में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे, लेकिन 16 सितंबर 2016 को उनके साथ कुछ ऐसा हुआ कि जिसने उनकी जिंदगी को नए मोड़ पर ला दिया। दरअसल शाम को वह बालसन रेलवे क्रॉसिंग पहुंचे थे। यहां आठ वर्षीय मासूम उनसे कुछ रुपये की मांग करने लगी। वजह पूछी तो बच्ची ने बताया कि मां दुनिया में नहीं है। पिता रिक्शा चलाते हैं और वह अपने चार साल के मासूम भाई की देखभाल करती है, उसके लिए ही पैसे चाहिए। अभिषेक हकीकत जानने उसके साथ बस्ती में पहुंचे तो जीवन का रास्ता बदल लिया। वह इस बस्ती में पढ़ाने लिखाने लगे।  'शुरुआत : एक ज्योति शिक्षा की' के बैनर तले 20 सदस्यीय टीम के साथ वह परेड मैदान और हरीनगर बस्ती में मुफ्त कक्षाएं चलाते हैं। टीम में शालिनी यादव, अंजू सिंह, अंजली सिंह, अंजली, आशिया, अंकिता, श्रद्धा, श्रेया, पूजा, शिवानी, अवंतिका, यामिनी, आकाश, निर्देश, अमित, प्रवर, अक्षित, अभिषेक कुमार, अॢपत, रीता शामिल हैं।

    ...फिर खोल दिया पैडबैंक

    मलिन बस्ती में बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ अभिषेक ने महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विवि (वर्धा) से वर्ष 2020 में मास्टर ऑफ सोशल वर्क (एमएसडब्ल्यू) की उपाधि ली। पहली जनवरी 2021 को उन्होंने बस्ती की युवतियों के लिए पैडबैंक की स्थापना की। कहते हैं मेरा मकसद है कि समस्याओं को जड़ से खत्म किया जाय। इसके लिए किसी दिवस विशेष का इंतजार ठीक नहीं था।

    ऐसी है बैैंक की कार्यशैली

    इस अनूठे बैंक में आधार कार्ड और स्कूल की आइडी से मुफ्त खाता खुलता है। प्रतिमाह पासबुक के जरिए युवतियां हस्ताक्षर कर बैंक से पैड ले सकती हैं। आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिला स्थित गोलपल्ली गांव में सक्रिय जीएनआर फाउंडेशन की तरफ से हर महीने 50 पैड भेजे जाते हैं। टीम के सदस्य भी अपने पास से पैड खरीदकर देते हैं।