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    गंगा में डुबकी दिलाएगी रोग-शोक से मुक्ति

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 17 Jun 2021 07:33 PM (IST)

    मोक्षदायिनी मां गंगा के अवतरण पर्व गंगा दशहरा समस्त कामना को पूर्ण करने वाला होगा। 20 जून रविवार को ग्रह-नक्षत्रों की अद्भुत जुगलबंदी कल्याणकारी है। ज्योतिर्विद आचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी बताते हैं कि दशमी तिथि शनिवार की दोपहर 2.09 बजे से रविवार दोपहर 12.02 बजे तक रहेगी। मिथुन राशि में सूर्य व शुक्र तथा वृष में बुध व राहु ग्रह का संचरण होगा। दोपहर 3.27 बजे तक चित्रा नक्षत्र परिघ योग है। इससे समाज में अनुकूलता के साथ रोग व शोक का प्रभाव कम होगा।

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    गंगा में डुबकी दिलाएगी रोग-शोक से मुक्ति

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज : मोक्षदायिनी मां गंगा के अवतरण पर्व गंगा दशहरा समस्त कामना को पूर्ण करने वाला होगा। 20 जून रविवार को ग्रह-नक्षत्रों की अद्भुत जुगलबंदी कल्याणकारी है। ज्योतिर्विद आचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी बताते हैं कि दशमी तिथि शनिवार की दोपहर 2.09 बजे से रविवार दोपहर 12.02 बजे तक रहेगी। मिथुन राशि में सूर्य व शुक्र तथा वृष में बुध व राहु ग्रह का संचरण होगा। दोपहर 3.27 बजे तक चित्रा नक्षत्र, परिघ योग है। इससे समाज में अनुकूलता के साथ रोग व शोक का प्रभाव कम होगा।

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    पराशर ज्योतिष संस्थान के निदेशक आचार्य विद्याकांत पांडेय बताते हैं कि ज्येष्ठ शुक्लपक्ष दशमी तिथि पर महाराज भगीरथ की तपस्या से प्रसन्न होकर मां गंगा स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं। स्कंद पुराण के अनुसार ज्येष्ठ शुक्ल दशमी संवत्सर मुखी है। इसमें स्नान-दान का विशेष महत्व है। लेकिन, गंगा में शरीर की स्वच्छता के साथ स्नान करने जाना चाहिए। भविष्य पुराण के अनुसार जो मनुष्य गंगा दशहरा पर गंगा जल में खड़ा होकर 'ऊं श्री गंगे नम:' का उच्चारण करते हुए सूर्य व मां गंगा को अ‌र्घ्य देता है उसकी कामना व्यर्थ नहीं जाती। प्रायश्चित करके करें स्नान

    आचार्य विद्याकांत पांडेय कहते हैं कि गंगा में स्नान करने से पहले अपनी गलतियों का प्रायश्चित करना चाहिए। मन ही मन जबरन किसी वस्तु को लेना, कटुवचन का प्रयोग, असत्य बोलना, असंबद्ध प्रलाप, दूसरे की संपत्ति हड़पने की इच्छा रखना, किसी की शिकायत करना, दूसरे को हानि पहुंचाने सहित समस्त गलतियों का स्मरण करके क्षमा मांगते हुए उसे दोबारा न करने का संकल्प लेकर गंगा स्नान करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। घर में कर सकते हैं स्नान

    जो सनातन धर्मावलंबी गंगा स्नान करने में सक्षम नहीं हैं, वे घर में ही पानी में गंगा जल डालकर मां गंगा का ध्यान करते हुए स्नान कर सकते हैं। इसका करें दान

    जल से भरा घड़ा, छाता, मिष्ठान, फल, तिल आदि का दान कल्याणकारी होता है। इस दिन किसी गरीब व्यक्ति को भोजन जरूर कराना चाहिए।