गाजर घास में भी हैं औषधीय गुण
इलाहाबाद : धान के पौधों को सबसे ज्यादा क्षति पहुंचाने वाली गाजर घास या पार्थेनियम (एस्कोबा अमार्गो) में औषधीय गुण भी हैं। इस संबंध में किए गए शोध बताते हैं कि इससे बनी दवाइयां बैक्टीरिया और वाइरस से होने वाले विभिन्न रोगों के इलाज में कारगर हो सकती हैं। यह प्रारंभिक शोध इलाहाबाद विवि के बायोकेमिस्ट्री विभाग में किया गया है।
उल्लेखनीय है कि गाजर घास पर्यावरण का सबसे बड़ा दुश्मन है। इलाहाबाद जिले में तो धान के सघन उत्पादन वाले इलाकों में इस घास ने एक तरह से कहर बरपा रखा है। इलाहाबाद विवि के बायोकेमिस्ट्री विभाग के डॉ. अभय कुमार पांडेय बताते हैं कि यह घास फसलों के लिए नुकसान तो है लेकिन इसमें कई औषधीय गुण भी पाए गए हैं। वह बताते हैं कि शोध के दौरान यह पता चला कि इस घास में कई साइटोटॉक्सिक, एंटी बैक्टीरियल और एंटी वायरल तत्व मिले हैं। बैक्टीरियाजनित विभिन्न रोगों के इलाज में, एचआइवी के इलाज में काम आने वाले रेट्रोवाइरल के निर्माण और कैंसर के लिए जिम्मेदार कोशिकाओं के खिलाफ इनमें प्रतिरोधक क्षमता पाई गई है। यह प्रारंभिक निष्कर्ष हैं जिन पर आगे का अध्ययन केंद्रीय ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट लखनऊ और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटेड मेडिसीन, जम्मू में किया जा रहा है। डॉ. पांडेय बताते हैं कि इन प्रारंभिक निष्कर्षो से इस बात की संभावना बनती है कि भविष्य में पार्थेनियम से बनने वाली औषधियां कई अन्य रोगों के इलाज में प्रयुक्त की जा सकेंगी।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।