जैन धर्म के 34वें तीर्थंकर भगवान महावीर के निर्वाण उत्सव में जुटे अनुयायी, प्रयागराज में जुटे अनुयायी
जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर का निर्वाण उत्सव आस्था के माहौल में मनाया गया। प्रयागराज के जैन मंदिरों में अभिषेक शांतिधारा आचार्य विपुल साग ...और पढ़ें

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर का निर्वाण उत्सव प्रयागराज में मंगलवार को मनाया गया। नगर के विभिन्न मंदिरों में श्रद्धा एवं भक्ति के साथ श्रद्धालुओं ने निर्वाण उत्सव मनाया। जीरो रोड, कर्नलगंज, बेनीगंज, तीर्थंकर ऋषभदेव तपस्थली अंदावा आदि स्थानों स्थित जैन मंदिरों में भगवान महावीर के चरणों में निर्वाण लाडू समर्पित किए गए।
भगवान महावीर को 24 किलो का लाडू अर्पित किया गया : मंगलवार की सुबह भगवान महावीर का अभिषेक, शांतिधारा आचार्य विपुल सागर, भद्रबाहु सागर, भरतेश सागर एवं आचार्य विज्ञान भूषण महाराज जी के सानिध्य में भक्तों ने किया। इसके बाद भगवान महावीर को 24 किलो का विशेष लाडू रमेश जैन, शांति देवी जैन ने सपरिवार अर्पण किया।

आचार्य विज्ञान भूष महाराज ने निर्वाण उत्सव की बताई उपयोगिता : भगवान महावीर स्वामी के निर्वाण उत्सव के अवसर पर काफी संख्या में जैन अनुयायी शामिल हुए। श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए आचार्य विज्ञान भूषण महाराज जी ने कहा कि जैन धर्मावलंबी दीपावली का पर्व भगवान् महावीर के निर्वाण उत्सव के उपलक्ष में कार्तिक कृष्णा चतुर्दशी को मनाते हैं। निर्वाण लाडू चढ़ाने के बाद दीप प्रज्वलन कर भगवान से यही कामना करते हैं कि भगवान् जिस प्रकार दीप जलकर अंधेरे को मिटा देता है, उसी प्रकार आपका आभा रुपी प्रकाश हमारे जीवन में छाया हुआ अंधकार मिटा कर हमें भी मोक्ष प्राप्ति में सहायक हो।

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