Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कश्ती कोई डूबती पहुंचा दो किनारे पे

    By Edited By:
    Updated: Fri, 12 Aug 2016 07:05 PM (IST)

    तारा चंद्र गुप्ता, इलाहाबाद : 'तुम बेसहारा हो तो किसी का सहारा बनो, तुमको अपने आप ही सहारा मिल जा

    तारा चंद्र गुप्ता, इलाहाबाद :

    'तुम बेसहारा हो तो किसी का सहारा बनो, तुमको अपने आप ही सहारा मिल जाएगा।

    कश्ती कोई डूबती पहुंचा दो किनारे पे , तुमको अपने आप ही किनारा मिल जाएगा।'

    गीतकार आनंद बख्शी की कलम से सत्तर के दशक में लिखी गई यह पंक्तियां समाज के उन अग्रदूतों पर बिल्कुल सटीक बैठती हैं जो अपने दर्द की परवाह किए बिना दूसरों की घोर अंधेरी जिंदगी में रोशनी पैदा करते हैं। कुछ ऐसी शख्सियतें जिनका बेसहारा, मजलूम और सामाजिक प्रताड़ना से कराह उठे लोगों को सदमार्ग दिखाकर उन्हें परेशानियों से आजादी दिलाने का सरोकार होता है। जिनके अथक प्रयास से समाज में दबी कुचली महिलाओं का सर्वागीण विकास हुआ, लिंग भेद, दहेज उत्पीड़न, व्यक्तित्व विकास और सामाजिक उत्थान कराकर उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ने में अहम भूमिका निभाई। शोषण के विरुद्ध आवाज बुलंद करने में कुछ इसी तरह रश्मि द्विवेदी, डॉ. मंजू सिंह और अधिवक्ता अभिषेक चौहान ने महती भूमिका अदा कर कइयों को नई जिंदगी दी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ......

    नारी के लिए समर्पित किया जीवन

    घूरपुर में रहने वाली सावित्री देवी को शराब का विरोध करने की भारी कीमत चुकानी पड़ी। पति ने उसकी पिटाई कर दी और नदी में फेंक दिया। ग्रामीणों ने किसी तरह सावित्री की जान बचाई। समाचार पत्र में यह खबर पढ़कर धूमनगंज में रहने वाली रश्मि द्विवेदी ने सावित्री से सम्पर्क साधा। उसे सम्बल देते हुए सामाजिक बुराइयों से लड़ने का हौसला दिया। आज सावित्री एक अस्पताल में नर्स हैं और मरीजों की सेवा कर रही हैं।

    अपनी तकलीफ को बनाया हथियार

    धूमनगंज में रहने डॉक्टर वशिष्ठ द्विवेदी और विद्या देवी की बेटी रश्मि को चार साल पहले किसी अपने ने ही अंधकारमय जीवन की ओर धकेल दिया था, लेकिन टूटने की बजाए रश्मि ने बुराइयों से लड़ने का हौसला खुद में जगाया। अपनी तकलीफ को तो दूर किया ही, दूसरे की मदद को भी जीवन का ध्येय बना लिया। शक्ति नारी उत्थान संस्थान का गठन किया और नारी हित में आवश्यक कदम उठाने शुरू कर दिए। फिर क्या था, लोग जुड़ते गए और उनका यह कारवां बढ़ता गया। अब उनका संगठन महिला ¨हसा और नशे के खिलाफ काम कर रहा है। इस संगठन ने चार साल में दहेज उत्पीड़न के 50 प्रकरणों का निस्तारण कराया, मलिन बस्ती के 105 बच्चों को स्कूल में दाखिला कराया और फीस जमा की।

    .......

    व्यक्तित्व विकास के साथ सामाजिक उत्थान

    मलिन बस्ती में रहने वाली अर्चना पति की मौत होने के बाद वह टूट सी गई थी। 14 साल के बेटे की गुजर बसर और बड़ी बेटी की पढ़ाई आगे करवाने की ंिचंता थी। इस बस्ती में एक दिन इलाहाबाद विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना की प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर डॉ. मंजू सिंह छात्रों के साथ वहां पहुंची। वहां अर्चना का दुख देखा तो डा. मंजू विचलित हो उठीं। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों से बात की और अर्चना को विधवा पेंशन दिलवाई। इसके बाद अर्चना का बेटा जब इविवि में पढ़ने पहुंचा तो वह राष्ट्रीय सेवा योजना से जुड़ गया। करीब सात हजार छात्र छात्राओं का यह संगठन लैंगिग असमानता को दूर करने के लिए काम कर रहा है। साथ ही बच्चों के व्यक्तित्व विकास के साथ सामाजिक उत्थान करना भी मकसद है। जार्जटाउन निवासी डॉ. मंजू सिंह ने इस साल आल इज वेल फोरम गठित किया है, जो पढ़ाई में कमजोर रहने वाले बच्चों की काउंसिलिंग करेगा। ताकि परीक्षा परिणाम पर कम नंबर आने पर कोई भी विद्यार्थी आत्मघाती कदम न उठा सके।

    .......

    अपनों को मिलाना, बिछुड़ने से बचाना -

    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से प्रभावित कोलकाता के हुबली निवासी बुजुर्ग महिला प्रतिभा मुखर्जी एक दिन पीएम से मिलने जाने के लिए अकेले ही घर से निकल पड़ीं। लेकिन ट्रेन में उनका बैग चोरी हो गया। इलाहाबाद जंक्शन पर प्रतिभा उतर पड़ीं और रास्ता भूल गई। जंक्शन पर ही मौजूद रहे हाईकोर्ट के अधिवक्ता अभिषेक चौहान उस महिला की परेशानी दूर करने का एक प्रयास किया। उसे अपने साथ घर ले गए। इंटरनेट के जरिए कोलकाता पुलिस से संपर्क कर प्रतिभा को उनके परिजनों से मिलवाया। न्याय पाने के लिए कोर्ट कचहरी के चक्कर लगा रहे एक बुजुर्ग की तकलीफ भी अभिषेक ने साझा की और उनका मुकदमा खुद ही बिना किसी फीस के लड़ा। बीते साल अभिषेक ने एक हेल्प लाइन नंबर 9839669666 को भी शुरू किया। जिसके जरिए आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को न्याय दिलाने की पहल की गई। लोगों में सामाजिक समझ के लिए लोक उन्नति समिति का भी गठन किया। स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में भर्ती राष्ट्रीय वॉलीबाल खिलाड़ी और हृदय रोग से पीड़ित मरीज काजल, भी अधिवक्ता अभिषेक सिंह की शुक्रगुजार हैं, जिन्हें उचित समय पर आर्थिक मदद और सही इलाज मिल सका।