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गढ़वा के किले में होगा इतिहास का दीदार

जासं, इलाहाबाद : जिला मुख्यालय से पचास किलोमीटर दूर शंकरगढ़ ब्लाक के शिवराजपुर में बघेल राजा विक्रमा

By Edited By: Published: Mon, 10 Aug 2015 06:08 PM (IST)Updated: Mon, 10 Aug 2015 06:08 PM (IST)

जासं, इलाहाबाद : जिला मुख्यालय से पचास किलोमीटर दूर शंकरगढ़ ब्लाक के शिवराजपुर में बघेल राजा विक्रमादित्य द्वारा निर्मित ऐतिहासिक गढ़वा के किले में जल्द ही म्यूजियम (संग्रहालय) बनेगा। इसकी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। किले के वर्तमान स्वरूप को यथावत रखते हुए यहा पर सुंदरीकरण का कार्य कराया जाएगा, जिससे पर्यटकों को लुभाया जा सके।

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भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा पुराने किले के जीर्णोद्धार का कार्य तो काफी पहले से किया जा रहा था किंतु अब यहां पर म्यूजियम बनाने का प्रयास भी शुरू कर दिया गया है। अधिकारियों ने बीते दिनों यहां का दौरा कर तैयारियों का जायजा लिया। किले की सफाई के बाद खंडहरों व अवशेषों की मरम्मत का कार्य चल रहा है, हरियाली के लिए भी प्रयास हो रहे हैं। म्यूजियम में राजवंश से जुड़ी ऐतिहासिक वस्तुओं को रखा जाएगा। पर्यटकों से क्षेत्र का विकास भी हो सकेगा। वैसे भी किले के आसपास की हरियाली यहां आने वालों का मन मोह लेती है। किले की ऊंची प्राचीर दूर से लोगों को आकर्षित करती है। पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए यहां पानी-बिजली की विशेष व्यवस्था के साथ शौचालय व स्नानागार बनाने की भी योजना है।

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इतिहास को समेटे है दुर्ग

गढ़वा दुर्ग एक पंचकोणीय प्रस्तर निर्मित परकोटा है, जिसके अंदर मंदिरों के अवशेष विद्यमान हैं। इसकी ऊंची रक्षा प्राचीर गढ़वा दुर्ग को सुरक्षात्मक स्वरूप प्रदान करती है। इसका निर्माण बारा के बघेल राजा विक्रमादित्य ने सन् 1750 में कराया था। इस स्थल से प्राप्त प्राचीनतम अवशेष गुप्तकालीन हैं। इसमें मंदिरों के भग्नावशेष भी हैं। इस स्थल से चंद्रगुप्त, कुमार गुप्त और स्कंदगुप्त के काल के सात अभिलेख प्राप्त हुए हैं। किले के पश्चिमी भाग में गर्भगृह व स्तंभयुक्त मंडप वाला मंदिर तथा पूर्वी भाग में दो भव्य जलाशय हैं। इसके अतिरिक्त यहां मध्यकालीन अनेक भवनों के अवशेष भी दर्शनीय है। गढ़वा, रामनगर से बड़ी संख्या में प्राप्त मूर्तियां जो गुप्तकाल से लेकर मध्यकाल तक से संबंधित हैं, यहां मूर्ति शाला में संग्रहीत हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के प्रभारी संरक्षण सहायक उपमंडल इलाहाबाद अविनाश चंद्र त्रिपाठी बताते हैं कि गढ़वा किले में म्यूजियम बनाया जा रहा है। जल्द ही कार्य पूरा कर लिया जाएगा जिसके बाद यहां पर्यटकों की आवाजाही शुरू हो जाएगी।


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