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    प्रयाग में बनेगा स्वामी रामानंदाचार्य का भव्य मंदिर

    By Edited By:
    Updated: Mon, 12 Jan 2015 01:00 AM (IST)

    एल एन त्रिपाठी, इलाहाबाद : प्रयाग संकल्प भूमि है। सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्मा ने भी इसी भूमि पर स

    एल एन त्रिपाठी, इलाहाबाद : प्रयाग संकल्प भूमि है। सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्मा ने भी इसी भूमि पर संकल्प कर यज्ञ किया था। इसके बाद सृष्टि की रचना शुरू की थी। गंगा, यमुना व अदृश्य सरस्वती के पावन मिलन स्थली पर संकल्पों की यह परंपरा जारी है। माघ मास में एकत्र संत इस बार एक बड़े संकल्प के साक्षी बन रहे हैं। संतों ने प्रयाग में स्वामी रामानंदाचार्य का भव्य मंदिर निर्माण का संकल्प जताया है। वैष्णव अखाड़ों का प्रतिनिधित्व कर रहे खाक चौक व्यवस्था समिति सोमवार को भगवान रामानंदाचार्य के जन्मदिन पर ही बैठक कर इस बारे में प्रस्ताव लाने जा रही है। बैरागियों के साथ ही आचार्यो ने भी मंदिर निर्माण में बढ़चढ़ कर शामिल होने को कहा है।

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    'जागरण' ने 11 जनवरी के संस्करण में स्वामी रामानंदाचार्य की जन्मस्थली प्रयाग में उनका कोई निशान न होने की खबर प्रकाशित की थी। इस पर माघ मेला क्षेत्र में कल्पवास कर रहे संतों में तेज प्रतिक्रिया हुई। खाक चौक व्यवस्था समिति के अध्यक्ष, रसिक भक्तमाल मंदिर वृंदावन के महंत माधौदास का कहना था कि इस ओर तो कभी सोचा ही नहीं। उन्होंने कहा कि अब इस पर तेजी से कार्य होगा। उन्होंने बताया कि रामानंदाचार्य का जन्म रामबाग में नहीं दारागंज में हुआ था। मोरी बांध पर रामानंद मठ भी है। इसमें उनकी एक मूर्ति प्रतिष्ठित है। काशी के पंचगंगा घाट पर उनकी चरणपादुका पूजित होती है। वहां भी एक छोटा सा मंदिर है पर सनातन धर्म की रक्षा करने वाले भगवान रामानंदाचार्य का एक भव्य मंदिर अवश्य होना चाहिए। खाक चौक व्यवस्था समिति माघ मास कृष्णपक्ष की सप्तमी को उनके जन्मदिन पर हर वर्ष भव्य शोभा यात्रा निकालती रही है। इस बार जुलूस के बाद सोमवार रात को ही बैठक कर इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे। समिति के उपाध्यक्ष महंत प्रह्लंाददास का कहना था कि इस दिशा में प्रयाग के महंत अग्रणी भूमिका निभाएंगे। भक्तमाल शिविर के महंत रामतीर्थ दास का भी कहना था कि जन्म स्थली पर भगवान का भव्य मंदिर अवश्य बनना चाहिए। बैरागी संतों के साथ सभी को इस ओर प्रयास करना चाहिए।

    वैष्णव आचार्यो ने भी इस पुनीत कार्य को अतिआवश्यक बताया। आचार्य बाड़ा के अध्यक्ष व वेदांत देशिक सेवा संस्थान दारागंज के स्वामी अच्युत प्रपन्नाचार्य ने कहा कि यह पुनीत कार्य जल्द होना चाहिए। बिहार से आए स्वामी रंगरामानुजाचार्य के शिष्य स्वामी ईश्वरीदयाल आचार्य व देवरहा बाबा लोक सेवा संस्थान वृंदावन के स्वामी अनंताचार्य का कहना था कि प्रयाग में द्वादश माधव हैं। इन्हीं के प्रतीक रूप में वैष्णव द्वादश तिलक लगाते हैं। इस स्थान पर रामानंदाचार्य का मंदिर अवश्य बनना चाहिए।

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    'हमने पहले ऐसे सोचा ही नहीं था। लगभग सभी वैष्णव मंदिरों में भगवान रामानंदाचार्य की मूर्ति होती है पर उनका अलग मंदिर या धाम नहीं है, यह हकीकत है। उनका भव्य मंदिर अवश्य बनना चाहिए। सनातन धर्म की रक्षा में उनकी अतुलनीय भूमिका रही है। हम सब उन्हीं के नाम की रोटी खाते हैं। खाक चौक व्यवस्था समिति इस दिशा में जरूर ठोस पहल करेगी।'

    -महंत माधौदास

    अध्यक्ष, खाक चौक व्यवस्था समिति

    रसिक भक्तमाल मंदिर, वृंदावन

    'सनातन धर्म के सबसे मुश्किल दौर में से एक था वह कालखंड जब गुरुवर रामानंदाचार्य का प्रादुर्भाव हुआ था। वह न आते तो सनातन धर्म आज और भी खराब दशा में होता। प्रयाग में उनका जन्म हुआ था। यहां उनका एक भव्य मंदिर अवश्य होना चाहिए। वैष्णव ही नहीं, समस्त सनातन धर्मावलंबी इस शुभ कार्य में पूर्ण सहयोग देंगे।'

    -अच्युत प्रपन्नाचार्य

    अध्यक्ष आचार्य बाड़ा

    वेदांत देशिक सेवा संस्थान, दारागंज प्रयाग

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    रामानंदाचार्य का जन्मदिन आज, निकलेगी भव्य शोभायात्रा

    कबीर, रैदास जैसे महान गुरुओं के गुरू भगवान रामानंदाचार्य का जन्मदिन सोमवार को मनाया जाएगा। खाक चौक व्यवस्था समिति की ओर से इस अवसर पर सुबह आठ बजे काली सड़क से भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। समिति के अध्यक्ष महंत माधौदास का कहना था कि यह शोभायात्रा दिन भर मेला क्षेत्र में भ्रमण करेगी व शाम को समाप्त होगी।

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