बोर्ड का सदस्य रहते पत्नी का साक्षात्कार
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इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में चल रहे संस्था प्रधानों के साक्षात्कार मजाक बनकर रह गए हैं। सोमवार को आगरा मंडल के प्रधानाचार्यो के साक्षात्कार में बोर्ड के सदस्य योगेंद्र प्रजापति की पत्नी का साक्षात्कार था। योगेंद्र ने अवकाश भी नहीं लिया और आगरा मंडल के ही दूसरे बोर्ड में जाकर अन्य अभ्यर्थियों का साक्षात्कार लिया। विशेषज्ञों के अनुसार यह नियम का उल्लंघन है।
विशेषज्ञों का कहना है कि बोर्ड की परीक्षा में केंद्र व्यवस्थापक का यदि कोई संबंधी परीक्षा दे रहा हो तो उसे केंद्र व्यवस्थापक नहीं बनाया जाता। ऐसे में योगेंद्र की पत्नी का जब साक्षात्कार था तो उन्होंने अवकाश क्यों नहीं लिया। इससे परिणाम प्रभावित होने का खतरा है। चयन बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. आशाराम यादव का कहना है कि सदस्य योगेंद्र प्रजापति ने इस बात की जानकारी दी थी कि उनकी पत्नी का साक्षात्कार होना है पर उन्होंने यह भी कहा था कि यह सुनिश्चित किया जाए कि उनके बोर्ड में साक्षात्कार न पड़े।
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माशिसे सचिव का आदेश अध्यक्ष ने निरस्त किया
इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। सचिव और अध्यक्ष आमने सामने आ गए हैं। सचिव ने जिस लेखाकार को दिन दिन पूर्व निलंबित किया था उसे अध्यक्ष ने सोमवार को दफ्तर खुलते ही बहाल कर दिया। उसका निलंबन रद कर दिया।
माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की सचिव नीना श्रीवास्तव ने छह जून को लेखाकार को अनुशासन हीनता के आरोप में निलंबित कर दिया था। उन्होंने यह आदेश चयन बोर्ड के दफ्तर से न निकालकर सचिव नियामक प्राधिकारी कार्यालय से जारी किया। अध्यक्ष डॉ. आशाराम यादव का कहना है कि सचिव को माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के किसी कर्मचारी को बिना बोर्ड की मंजूरी के निलंबित करने का अधिकार ही नहीं है, ऐसे में सचिव द्वारा लेखाकार योगेंद्र प्रताप श्रीवास्तव के निलंबन का आदेश फर्जी है। उनका कहना है कि सचिव का निलंबन आदेश चयन बोर्ड की विनियमावली (प्रक्रिया व कार्य संचालन) 1998 के विनियम 14(1) तथा (3) में विहित प्रक्रिया के वितरीत है। इसलिए सचिव के आदेश को रद कर दिया गया है।

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