यूपी में छठवीं आर्थिक गणना पहली जून से शुरू
.मंडलायुक्तों को बनाया गया प्रमुख आयुक्त आर्थिक गणना
.जिलाधिकारियों को जिला आयुक्त आर्थिक गणना
.मुख्य विकास अधिकारियों को अपर आयुक्त आर्थिक गणना
इलाहाबाद : भारत सरकार के निर्देश पर यूपी में पहली जून से छठवीं आर्थिक गणना शुरू होने जा रही है। इसके लिए लाखों प्रगणक लगाये गए हैं। इलाहाबाद जैसे जिले में नौ हजार प्रगणक इस पर लगाए जा रहे हैं। तीस जून तक रिपोर्ट तैयार हो जाएगी।
देश में हर पांच वर्ष में आर्थिक गणना होती है। इस तरह से यह छठवीं आर्थिक गणना है। आर्थिक गणना के तहत हर ऐसी संस्था को चिन्हित करना है, जिसमें आठ या आठ से अधिक व्यक्ति काम कर रहे हों। हालांकि इस बार की आर्थिक गणना में आइसक्रीम और केला बेचने वाले तक को चिन्हित करने का निर्देश है। आर्थिक गणना पहली जून से 30 जून तक पूरी हो जानी है। ग्रामीण क्षेत्र में बीडीओ और शहर में नगर आयुक्त आर्थिक गणना का काम करायेंगे। आर्थिक गणना की रिपोर्ट जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्य सचिव को भेजी जाएगी। इस काम के लिए जिलाधिकारी राजशेखर को आयुक्त आर्थिक गणना, मुख्य विकास अधिकारी अटल राय को अपर आयुक्त आर्थिक गणना, जिला अर्थ संख्याधिकारी एस.एन. त्रिपाठी को जिला आर्थिक गणना अधिकारी तथा मंडलायुक्त देवेश चतुर्वेदी को प्रमुख आयुक्त आर्थिक गणना बनाया गया है। प्रगणकों को 27 मई को संगम सभागार में प्रशिक्षण दिया जाएगा। पहली जून से आर्थिक गणना का काम शुरू होगा और यह काम 30 जून तक पूरा हो जाएगा। यह रिपोर्ट भारत सरकार को भेज दी जाएगी। कमोबेश इसी तरह की तैयारी प्रदेश के हर मंडल और जिले में लागू हो गई है। आर्थिक गतिविधि में लगे लोगों के लिए बनने जा रही अगली नीति में इस रिपोर्ट का महत्वपूर्ण योगदान होगा।
न काम आयेगी आरटीआइ
सांख्यिकी संग्रहण कानून बन गया है। ऐसे में आर्थिक गणना में जिन व्यक्तियों के बारे में आंकड़ा एकत्र किया जाएगा, उनकी जानकारी को बेहद गुप्त रखा जाएगा। इसकी जानकारी आरटीआइ एक्ट के तहत भी नहीं ली जा सकती है।
मिलेगा पांच हजार
जिले में आर्थिक गणना में नौ हजार प्रगणक लगाए गए हैं। एक प्रगणक पर सरकार पांच हजार खर्च करेगी। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को भी बतौर प्रगणक लगाया जाएगा।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।