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    Aligarh Heritage : जहां था गायों का पड़ाव वहीं बना गौमत, यहीं है दाऊजी महाराज का प्राचीन मंदिर, ऐसी है यहां की परंपरा

    By Anil KushwahaEdited By:
    Updated: Sat, 03 Sep 2022 12:29 PM (IST)

    Aligarh Heritage अलीगढ़ के खैर के गांव गौमत में स्‍थित दाऊजी महाराज की मंदिर का इतिहास करीब पांच सौ साल पुराना है। यहां ठाकुर बलदेव जी महाराज के जन्‍मोत्‍सव पर तीन दिवसीय भव्‍य मेले का आयाेजन होता है।

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    श्री दाऊजी महाराज की सैकड़ों वर्ष पुरानी मूर्ति।

    अनिल गोविल, खैर/अलीगढ़। Aligarh Heritage : तहसील क्षेत्र के गांव गौमत में स्थित मंदिर Shri Dauji Maharaj का प्राचीन एतिहासिक करीब 500 वर्ष पुराना है। यहां वर्षो से Birth anniversary of Thakur Baldev Ji Maharaj पर तीन दिवसीय भव्य मेला लगता है। यहां के पुजारी 26 वर्ष से दाऊ जी महाराज की सेवा कर रहे हैं। 

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    परिसर में ही रहते है पुजारी : मंदिर के Priest Naresh Vashistha ने बताया कि 26 वर्ष से दाऊजी महाराज की सेवा में है। परिवार सहित मंदिर परिसर में रहते हैे। मंदिर के पास आगंतुकों के लिए एक शानदार गेस्ट हाउस बना हुआ है। तीन सौ 80 वर्ष पुराने एक बड़ा हाता व एक छोटा हाता के नाम से हवेलिया बनी हुई हैं।

    कभी यहां घना जंगल था : गांव गौमत का नाम पहले ईजतपुर था, जो कि वर्तमान स्थान से हटकर ऊंचाई पर बसा हुआ था। गांव के लोग आज उस स्थान को खिलवाड़ कहते हैं। जहां आज वर्तमान में गांव गौमत बसा हुआ है। यहां पहले घना जंगल था। हजारों की संख्या मथुरा वृन्दावन से गाय जंगल में बने मठ में रूका करती थी, जिससे उनका यहां पड़ाव बन गया। उसे गऊमठ कहा जाने लगा गऊमठ धीरे धीरे गौमत के नाम से जाने जाना लगा। ब्रज की सीमा का अन्तिम गांव है।

    सैकड़ों वर्ष पुरानी मूूर्तियां : गांव गौमत में बाजना नौहझील रोड़ पर बीच गांव में बने मंदिर में श्री दाऊजी महाराज की सैकड़ों वर्ष पुरानी मूूर्ति बेहद आकर्षण है। श्री दाऊजी महाराज मंदिर के प्रति भक्तों की अटूट श्रद्धा है। मंदिर में श्री दाऊजी महाराज की मां श्री रेवती जी की मूर्ती भी स्थापित है। मंदिर में रोजाना ही उत्साह का वार्तावरण रहता है। भादों माह की कृष्ण पक्ष की छट को श्री दाऊजी महाराज के जन्म पर देवछट का आयोजन शुरू होता है। इसी दिन श्री दाऊजी महाराज का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है।

    तीन दिन लगता है मेला : मंदिर ट्रस्ट के प्रबंधक अरूण मित्तल की अगवाई में तीन दिन का मेला लगाया जाता है। मंदिर की शानदार सजावट की जाती है। ठाकुर जी का फूल बंगला भी लगता है। श्रद्धालु हजारों की संख्या देश विदेश व आसपास कस्बा व गांवों के क्षेत्र के लोग बड़ी संख्या श्री दाऊजी महाराज के दर्शन करने यहां आते हैं। महीने ही हर अमावस्या और पूर्णमासी को भी दर्शन को श्रद्धालुओं की भीड रहती है। वृंदावन के बांकेबिहारी की मंदिर जैसी छवी है।

    ये होंगे कार्यक्रम : मंदिर ट्रस्ट के कार्यक्रम आयोजक श्री ठाकुर बलदेव महाराज के देवछट मेला 2 सितंबर से 4 सितंबर तक लगेगा 2 सितंबर को दोपहर 12 बजे जन्म दर्शन एवं महाआरती हुई तीन सितंबर को दोपहर 3 बजे मां कालीजी व श्री दाऊजी महाराज की शोभायात्रा का गांव भ्रमण 4 सितंबर को रासलीला एवं धार्मिक सत्संग कार्यक्रम का आयोजित किए जाएंगे।

    इनका रहता है सहयोग : हर वर्ष डीएम, एसएसपी अलीगढ़ जन्म उत्सव महाआरती में शामिल होते हैं। लेकिन इस बार शुक्रवार को एसपी देहात पलाश बंसल व एसडीएम खैर अनिल कटारिया तहसीलदार कृष्ण गोपाल मिश्रा, सीओ राकेश सिसौंदिया, इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार चौधरी, शामिल हुए। पुलिस प्रशासन की व्यवस्था चौकस रही। लखनऊ, जयपुर, नोयडा, दिल्ली, फरीदाबाद, अलीगढ़, मथुरा से बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आए। सेवादार ओमप्रकाश मित्तल, रवेंद्र स्वरूप मित्तल, संजीव मित्तल, अविनाश मित्तल, सौरभ मित्तल, अनूप मित्तल, अशोक मित्तल, राजीव मित्तल, दिव्यांशु मित्तल का विशेष सहयोग रहता है।