खैर बाइपास के लिए 100 करोड़ का प्रस्ताव शासन के पाले में, जट्टारी की सुनवाई ही नहीं, बढ़ती जा रही जाम की समस्या
552 करोड़ की लागत से अलीगढ़ पलवल स्टेट हाइवे बना है जो हरियाणा और नोएडा को जोड़ता है। इसके निर्माण में चार साल लग गए। लेकिन अभी तक खैर और जट्टारी बाइ ...और पढ़ें

लोकेश शर्मा, अलीगढ़ । ये कैसी विडंबना है, जिस अलीगढ़-पलवल स्टेट हाईवे पर राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय का शिलान्यास करने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आए थे, उस हाईवे से खैर और जट्टारी बाईपास का निर्माण कराने में जिम्मेदार महकमे गंभीर नहीं हैं। खैर बाईपास के लिए लगभग 100 करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार हो चुका है, शासन को भी भेज दिया। जट्टारी बाईपास का प्रस्ताव तो बना ही नहीं। न कोई महकमा आगे पहल कर रहा, न ही जनप्रतिनिधि। बाईपास न बनने से जाम की समस्या मुंह फाड़ रही है। कई गांवों इससे प्रभावित हैं।
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चार साल में बना था अलीगढ़ पलवल स्टेट हाइवे
अलीगढ़-पलवल स्टेट हाईवे 67 किमी लंबा है, जो हरियाणा और नोएडा को जोड़ता है। पीडब्ल्यूडी के प्रांतीय खंड ने 552 करोड़ की लागत से इस हाईवे का निर्माण कराया था। इसके निर्माण में चार साल लग गए। लेकिन, खैर और जट्टारी बाईपास का निर्माण न होने से हाईवे का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा। फोरलेन हाईवे पर हर रोज फर्राटा भरते सैंकड़ों वाहन खैर और जट्टारी पहुंचते ही जाम में फंस जाते हैं। बीते साल 14 सितंबर को इसी हाईवे पर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय और अंडला में डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर अलीगढ़ नोड का शिलान्यास किया था। तब भी बाईपास का मुद्दा उठा, मगर प्रशासनिक अमले ने सक्रियता नहीं दिखाई। 10 किमी लंबे खैर बाईपास के प्रस्ताव को शासन की मंजूरी का इंतजार है। 5.5 किमी लंबे जट्टारी बाईपास के लिए 60 करोड़ रुपये चाहिए, जिसका विस्तृत प्रस्ताव बन नहीं सका। ये बाईपास इसलिए भी जरूरी हैं क्योंकि अलीगढ़-पलवल हाईवे से खेरेश्वरधाम सिद्धपीठ, राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय, ट्रांसपोर्ट नगर, डिफेंस इंडस्ट्रियल कारिडोर, इंडियन बाटलिंग प्लांट, बीज निगम का गोदाम व कई अन्य संस्थान जुड़े हैं।
फंसा रहा पेंच
खैर और जट्टारी बाईपास के निर्माण में लंबे समय से पेंच फंसा रहा। पीडब्ल्यूडी ने अलीगढ़-पलवल हाईवे का निर्माण कराया था। फोरलेन हाईवे होने से इसे नेशनल हाईवे अथारिटी (एनएचएआइ) में शामिल कर लिया। लेकिन, पीडब्ल्यूडी ने इसकी फाइल एनएचएआइ को अब तक नहीं सौंपी। इसके चलते एनएचएआइ आगे कदम न बढ़ा सका। खैर बाईपास के लिए 26 करोड़ रुपये जमीन अधिग्रहण और 75 करोड़ रुपये निर्माण लागत आंकी गई है।
इनका कहना है
पीडब्ल्यूडी से हाईवे की फाइल को हफ्तेभर में एनएचएआइ ले लेगा। इसके बाद हम खैर और जट्टारी में बाईपास का काम शुरू करा देंगे। प्रयास रहेगा कि जल्द ही बाईपास का निर्माण शुरू हो जाए। क्योंकि जेवर में बन रहे एशिया के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए अलीगढ़-पलवल हाईवे प्रमुख मार्गों में से एक हो गया है।
पीपी सिंह परियोजना प्रबंधक, एनएचएआइ
पुलिस और कैमरों की ये कैसी निगरानी?
शहर में पुलिस और हाईटैक कैमरों की निगरानी के बाद भी जाम और अतिक्रमण की समस्या बनी हुई है। यातायात व्यवस्था संभालने के लिए 15 सब इंस्पेक्टर, 40 हेड कांस्टेबल, 80 सिपाही और करीब सौ होमगार्ड के जवान लगें। इनसे 20 चौराहे नहीं संभल रहे। जबकि, चौराहों पर हर वक्त सीसीटीवी कैमरों से निगरानी होती है। क्वार्सी, दुबे पड़ाव, एटा चुंगी, सारसौल, सासनीगेट जैसे प्रमुख चौराहों पर तो एसआइ तैनात रहते हैं। इनके सामने ही वाहनों की लंबी कतारें लग जाती हैं। चौराहों के आसपास 50 मीटर के दायरे में फड़, ढकेल ने लगने के आदेशों का अनुपालन भी पुलिस नहीं करा पा रही। बूथों ये पुलिस सिर्फ चालान काटने तक ही सीमित है। ट्रैफिक लाइन बनने के बाद भी ये हाल है।
इनका कहना है
जाम की समस्या से कस्बे के ही नहीं अन्य शहराें के राहगीर भी परेशान रहते हैं। खैर विधायक अनूप प्रधान ने भरोसा दिलाया था कि शीघ्र ही बाईपास का निर्माण होगा। जाम से निजात मिलेगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
सुशील गर्ग, खैर
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खैर कस्बा के बाजार में जाम से प्रतिदिन राहगीरों को जूझना पडता है। बाईपास बनने से ही इस समस्या से निजात मिलेगी। दूसरा विकल्प ओवरब्रिज है।
नत्थीलाल वर्मा, खैर
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खैर में बाईपास की सालों से मांग चल रही है। बाईपास न होने से कस्बा में जाम लगा रहता है, जिससे अभी तक निजात नहीं मिल सकी है।
चंद्रमणी शर्मा, खैर
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जाम से स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सुबह से शाम तक यातायात व्यवस्था प्रभावित होती है। जेवर हवाईअड्डा बनने से वाहनों की संख्या बढ़ेगी।
श्रीनिवास गोयल, खैर
क्या कहते हैं प्रधान
विधानसभा चुनाव की व्यस्तता के चलते इस पर ध्यान नहीं दे सके थे। एनएचएआइ को ही बाईपास का निर्माण कराना है। भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। डीपीआर की तैयारी चल रही थी। शपथ ग्रहण करने के बाद खैर बाईपास का निर्माण कराना ही मेरी प्राथमिकता रहेगी।
अनूप प्रधान, विधायक खैर

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