Aligarh News : चार महीने रुकिए, सस्ते दामों में प्लाट बेचेगा ADA , खास योजना के तहत विकसित होंगी कालोनियां
एडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने दैनिक जागरण के प्रश्न प्रहर कार्यक्रम में पाठकों के सवालों का जवाब दिए और बताया कि लैंड पूलिंग योजना के तहत कालोनियां विकसित होंगी। नक्शा पास कराने के बाद भी अगर कोई कर्मचारी परेशान करता है तो उसकी शिकायत करें।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। अगर आप मकान बनाना चाहते हैं तो नियम के मुताबिक ही बनाएं। इसके लिए विकास प्राधिकरण से नक्शा जरूर पास कराएं और जनसुविधाओं का लाभ लें। अवैध निर्माण करने पर एडीए टीम कार्रवाई करेगी। नक्शा पास कराने के बाद भी अगर कोई कर्मचारी परेशान करता है तो उसकी शिकायत करें। अगर आप शहर में अपने घर के लिए प्लाट खरीदने का मन बना रहे हैं तो महज तीन से चार महीने का और इंतजार करिए। एडीए शहर के अलग-अलग प्रमुख मार्गों पर तीन आवासीय कालोनियां लेकर आ रहा है। इसमें लोगों को सस्ते दामों पर प्लाट की बिक्री की जाएगी। लैंड पूलिंग योजना के तहत यह कालोनियां विकसित होंगी। यह बातें एडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने दैनिक जागरण के प्रश्न प्रहर कार्यक्रम में पाठकों के सवालों का जवाब देते हुए कहीं। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश...।
शांति निकेतन योजना में एडीए की जमीन पर लोगों ने अवैध कब्जा कर रखा है। शिकायतों के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।- मोइन मोनू, शांति निकेतन
- यह मामला मेरे संज्ञान में हैं। अधीनस्थों को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जल्द ही रिपोर्ट आने पर कार्रवाई होगी। एडीए की किसी भी जमीन पर अवैध कब्जे बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।
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दुबे के पड़ाव पर बिना नक्शे ही दुकानें बना दी गई हैं। शिकायत की गई थी, लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं हुई
हरिओम शंकर, दुबे का पड़ाव
- शिकायत को लेकर मुझे जानकारी है। कुछ दुकानों से जुड़ा मामला कोर्ट में भी विचाराधीन है। जिन दुकानों का मामला कोर्ट में नहीं हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।
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मुझे अपने घर का नक्शा पास कराना है। पूरी प्रकिया क्या रहेगी। कितना खर्च आएगा?
चंद्रभान गुप्ता, सारसौल
- सबसे पहले एक बार नक्शे से जुड़े सभी दस्तावेज लेकर एडीए आइए। यहां पर आपको नक्शे से जुड़ी विस्तृत जानकारी मिलेगी। खर्च भी नक्शे के भूउपयोग व क्षेत्रफल से तय होगा।
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2014 में एक मकान के खिलाफ नोटिस जारी हुआ था। कुछ दिन बाद ध्वस्तीकरण का आदेश भी हो गया, लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं हुई है।- आरबी गुप्ता, गूलर रोड
यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं हैं, लेकिन अब इसकी जांच कराई जाएगी। अगर ध्वस्तीकरण का आदेश हो गया है तो जल्द ही यह कार्रवाई की जाएगी। अवैध निर्माण पर एडीए सख्त है।
2011 में मैंने बरौला जाफराबाद योजना में मकान के लिए आवेदन किया था। तीन किस्तें भी जमा नहीं की, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं हुआ है।- रहीस अहमद, जाफराबाद
यह मामला मेरे संज्ञान में हैं। इसकी जांच चल रही है। अगर पैसा जमा है तो कोई परेशानी नहीं होगा। प्राधिकरण पूरा पैसा रिफंड करेगा।
इन्होंने भी किए सवाल
मो. कफील जमालपुर, मनोज कुमार देहलीगेट, डा. धर्मेंद्र कुमार प्रेमनगर, संजीव अग्रवाल स्वर्ण जयंती नगर, मुशर्रफ धौर्रामाफी, रामकुमार मान सरोवर, प्रेमपाल क्वार्सी, मुशर्रफ जमालपुर शामिल हैं।
दैनिक जागरण के प्रमुख सवालों के जवाब
- 2005 से एडीए की कोई नई आवासीय योजना नहीं आई है। अब आगे क्या तैयारी है?
शहर में तीन नई आवासीय योजनाएं विकसित करना एडीए की प्राथमिकता में शामिल है। बिल्डरों के साथ मिलकर यह योजनाएं विकसित होंगी। पहली बार केवल प्लाट की बिक्री करेगा। किसी भवन का निर्माण नहीं होगा। लोग प्लाट खरीदकर मनचाहा मकान बना सकेंगे।
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- एडीए की पिछले कई योजनाएं लोगों के लिए शुभ नहीं रही हैं? दशकों बाद भी आवंटियों को कब्जे नहीं मिल सके हैं। एडीए की नई योजनाओं पर लोगों के भरोसे का आधार क्या होगा ?
एडीए के पास लैंड बैंक नहीं है और न ही भूमि अधिग्रहण की कोई योजना। इसलिए एडीए अब लैंड पूलिंग योजना के तहत नई आवासीय कालोनी विकसित करेगा। इसमें लोगों को 200-200 वर्ग गज के प्लाट आवंटित होंगे। हाथों-हाथ बैनामे व कब्जे दिए जाएंगे।
- स्वर्ण जयंती नगर विस्तार, शांति निकेतन योजना में आवंटियों की समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है। पैसा जमा करके भी लोगों को कब्जा नहीं मिल पा रहा है?
स्वर्ण जयंती नगर योजना का अगले दो तीन महीने में समाधान हो जाएगा। कोशिश की जा रही है कि बिना विवाद वाले मकानों का आवंटन कर दिया जाए। विवादित जमीन पर बने मकान भी बिल्डरों के साथ मिलकर बेचे जाएं। शांति निकेतन योजना में अवैध कब्जेदारों के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया चल रहा है।
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पिछले कई सालों से एडीए की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं हैं। शहर के विकास कार्यों में भी एडीए का योगदान कम हो गया है।
प्राधिकरण ने पिछले कुछ समय में टीपी नगर पर बड़ा निवेश किया है। अब अगले एक से डेढ़ महीने में इसकी लांचिंग हो जाएगी। इससे होने वाली आय से आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा। नई कालोनियों से भी पैसा आएगा। आय बढ़ने पर विकास कार्यों में एडीए का योगदान बढ़ेगा। दो करोड़ से सालाना लक्ष्य सौ करोड़ तक करने का लक्ष्य है।
भरोसा रखें, निश्चित बदलाव दिखेगा
मूल रूप से हरियाणा के सोनीपत निवासी 2016 बैच के आइएएस अधिकारी अतुल वत्स कुछ दिन पहले सीडीओ सुल्तानपुर के पद से स्थानांतरित होकर उपाध्यक्ष के पद पर यहां आए हैं। वह इससे पहले मऊ जिले में भी बतौर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अपनी सेवा दे चुके हैं। अतुल वत्स का कहना है कि शहर के लोग भरोसा रखें निश्चित तौर पर आने वाले कुछ महीने में विकास प्राधिकरण में बदलाव दिखेगा। शहर के सुनियोजित विकास के लिए वह हर संभव प्रयास करेंगे।

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