यूपी विधानसभा चुनाव 2022 : अलीगढ़ की हर सीट पर जातीय समीकरण बैठा रही सपा
विधानसभा चुनाव से आस लगाए बैठी समाजवादी पार्टी अलीगढ़ की हर सीट पर जातीय समीकरण बैठा रही है। उद्देश्य यही है कि इस बार सभी सातों सीटें पार्टी के पाले में आ जाएं। यही वजह है कि किसी भी सीट पर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। विधानसभा चुनाव से आस लगाए बैठी समाजवादी पार्टी अलीगढ़ की हर सीट पर जातीय समीकरण बैठा रही है। उद्देश्य यही है कि इस बार सभी सातों सीटें पार्टी के पाले में आ जाएं। यही वजह है कि किसी भी सीट पर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है। पार्टी को अपने बेस वोट (यादव व अल्पसंख्यक) के अलावा अन्य वर्ग से थोक वोट भी चाहिए। इसके लिए हर वर्ग के वोटरों की स्थिति, उनके झुकाव और ध्रुवीकरण का भी आकलन किया जा रहा है। तीन सीटों पर असमंजस बना हुआ है। 23 दिसंबर को इगलास में पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की सभा तय मानी जा रही है। इस सभा के बाद काफी कुछ स्पष्ट होने की संभावना है। हर सीट पर पैनल भी तैयार हो जाएंगे, जिससे प्रत्याशी का चुनाव करने में आसानी रहेगी।
सपा की भाजपा से सीधे टक्कर
उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में सपा की टक्कर सीधे भाजपा से है। सत्तासीन भाजपा को टक्कर देना सपा के लिए इतना आसान नहीं होगा। इसलिए हर सीट पर गहरे मंथन के बाद ही प्रत्याशी उतारने का निर्णय लिया गया है। जनपद की सात सीटों में तीन पर प्रत्याशी लगभग तय हैं, बाकी सीटों के लिए चयन होना है। इसके लिए सर्वे कराए जा रहे हैं। वहीं, टिकट के लिए आवेदनों की संख्या बढ़ती जा रही है। अब तक 48 आवेदन हो चुके हैं। इनमें शहर से चार, कोल से 12, छर्रा से 13, इगलास से तीन, अतरौली से नौ, खैर से तीन और बरौली से चार ने दावेदारी की है। ऐसे में किसी विधानसभा क्षेत्र से एक प्रत्याशी का चयन करना मुश्किल है। सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर प्रत्याशियों का चयन होगा। हर विधानसभा क्षेत्र से तीन-तीन दावेदारों के पैनल बनेंगे, इनमे से एक-एक प्रत्याशी तय किया जाना है। हर दावेदार अपना कद बढ़ाने में लगा हुआ है। कुछ नए चेहरे भी सामने आए हैं, जिनके होर्डिंग पिछले कुछ दिनों से शहर की सड़कों पर छाए हुए हैं।
चमका रहे चेहरे
आवेदन कर चुके सभी दावेदार अपनी जीत का दावा कर चेहरा चमकाने में लगे हैं। सड़कों को होर्डिंग से पाट दिया गया है। लखनऊ तक भागदौड़ जारी है। वहीं, उन दावेदारों ने कदम पीछे करना शुरू कर दिया है, जिन्हें आभास हो चुका है कि टिकट नहीं मिलने वाली। बेवजह प्रचार-प्रसार में जेब ठंडी करने का क्या लाभ। ये सोचकर खर्चा कम कर दिया है। उधर, टिकट न मिलने पर बगावत करने वाले दावेदारों की तलाश अभी जारी है। इस सर्वे में लगी टीमें दावेदारों का पुराना रिकार्ड भी खंगाल रही हैं।
इगलास में अखिलेश
कार्यक्रम को लेकर लखनऊ में मौजूद पूर्व महानगर अध्यक्ष अज्जू इश्हाक ने बताया कि 23 दिसंबर को इगलास में पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव का कार्यक्रम लगभग तय है। यहां वे रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी के साथ जनसभा को संबोधित करेंगे।
20 हजार का आवेदन, 20 हजार की सदस्यता
टिकट के लिए दावेदारी कर रहे पार्टीजनों से 20 हजार रुपये आवेदन शुल्क के मद में लेकर रसीद भी दी गई है। ये शुल्क लखनऊ पार्टी कार्यालय पर ही जमा होती है। काेल से दावेदारी कर रहे जिला उपाध्यक्ष शान मियां ने बताया कि उन्होंने लखनऊ जाकर आवेदन शुल्क दिया था। सदस्यता शुल्क 20 हजार रुपये है, जो उनसे नहीं लिए गए। 2011 में ही उन्होंने पार्टी की आजीवन सदस्यता ले ली थी। जिलाध्यक्ष गिरीश यादव ने बताया कि जिला स्तर पर कोई आवेदन शुल्क नहीं लिया जा रहा।
इनके भी आए आवेदन
इस दौरान कोल से राहुल शर्मा, शान मोहम्मद, छर्रा से नरेंद्र सिंह सोलंकी, आदित्य जुनूनी, कुंवर बहादुर, दीपक बघेल, जय प्रकाश पाल, इगलास से सीपी सिंह, अतरौली से गुड्डा यादव, राजपाल सिंह यादव, गिरेंद्र सिंह यादव, खैर से अनिल राणा, सुभाष आदि उपस्थित रहे।
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