ट्रंप के टैरिफ बढ़ाने के फैसले पर क्या बोले अलीगढ़ के ताला व्यापारी, 500 करोड़ से अधिक का होता है कारोबार
अमेरिका द्वारा भारत पर 25% टैरिफ लगाने से अलीगढ़ के ताला-हार्डवेयर आर्टवेयर और इंजीनियरिंग कंपोनेंट निर्यातकों पर असर पड़ेगा। प्रतिस्पर्धी देशों पर कम टैरिफ होने से मुकाबला कठिन है। निर्यातक केंद्र सरकार के निर्णय का इंतजार कर रहे हैं और नई सोच व उत्पाद गुणवत्ता से टैरिफ का तोड़ निकालने की बात कर रहे हैं। पढ़ें क्या है इस कारोबार से जुड़े लोगों की रणनीति...

जागरण संवाददाता, अलीगढ़। अमेरिका ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी है। इसके साथ ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक अगस्त से भारत पर जुर्माना लगाने का एलान भी कर दिया है, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि यह जुर्माना कितना होगा और किसलिए लगाया जाएगा।
ट्रंप के टैरिफ के तोड़ के लिए नए सिरे से स्थानीय स्तर पर व्यापारिक समझौता करने होंगे। निर्यातक व अमेरिकी वायर व फुटकर दुकानदार अपना लाभांश कम करें। निर्माता गुणवत्ता को और बेहतर करे। तभी हम प्रतिस्पर्धी देशों से मुकाबला कर सकेंगे।
राजीव अग्रवाल, चेयरमैन, ग्रुप आफ आरएमआई
ट्रंप भारत सरकार पर कच्चा तेल लेने के लिए दबाव बनाना चाह रहे हैं। इस समय भारत रूस से ईंधन ले रहा है। प्रधानमंत्री मोदी इस दबाव में नहीं आएंगे। निर्यातक व निर्माता भी भारत सरकार के साथ हैं। अभी वेट इन वाच की स्थिति है।
राजीव माहेश्वरी, पार्टनर, रे इंटरनेशनल
प्रतिस्पर्धी देशों से मुकाबला करने के लिए तैयार हैं। टैरिफ के चलते कई महीनों से निर्यात प्रभावित हो रहा है। अमेरिका के वायर नए आर्डर दे नहीं रहे थे। पुराने आर्डर भी 60 प्रतिशत रोक दिए थे। भारत सरकार कोई न कोई तोड़ निकालेगी।
राकेश अग्रवाल, चेयरमैन, ग्रुप आफ उमा
नई सोच के साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में उतरे हैं। ट्रंप का यह मनमाना रवैया नहीं चलेगा। अमेरिका के उद्यमियों ने भी इस नीति का विरोध किया था। हम प्रतिस्पर्धी देशों से बेहतर गुणवत्ता व समय वाद्धता के साथ इंजीनियरिंग कंपोनेंट व ताला-हार्डवेयर पहुंचाएंगे।
प्रथम भारद्वाज, निर्यातक
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