चारपाई के नीचे परात में रखी आग में कैसे जिंदा जल गया 6 माह का बच्चा? धुआं उठता देख दौड़े पड़ोसी
अलीगढ़ में ठंड से बचाने के लिए जलाई गई आग एक परिवार के लिए काल बन गई। प्लास्टिक की रस्सी से बनी चारपाई के नीचे रखी परात में आग लगने से छह माह के शिशु ...और पढ़ें
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जागरण संवाददाता, अलीगढ़। बच्चों को ठंड से बचाने के लिए प्लास्टिक की रस्सी से बुनी चारपाई के नीचे लोहे की परात में रखी आग काल बन गई। प्लास्टिक की रस्सी पिघलने से छह माह का शिशु परात में गिरकर जिंदा जल गया। दो बच्ची भी झुलस गईं। 80 प्रतिशत झुलसी तीन साल की बच्ची को एम्स, नई दिल्ली में भर्ती कराया गया है। उसकी हालत नाजुक बताई गई है।
यह हृदयविदारक घटना सोमवार शाम की है। मां घर के सामने ही मजदूरी करने गई थी। कमरे से धुआं उठता देख पड़ोसियों को जानकारी हुई। जलालपुर की डेयरी वाली गली में प्रताप सिंह उर्फ छोटू 25 गज के मकान में पत्नी व तीन बच्चों के साथ रहते हैं। मकान में घुसते ही 8x8 का कमरा है। इसी से होकर घर में घुसते हैं। इसी कमरे में प्लास्टिक की रस्सी से बुनी चारपाई पर कपड़े रखे थे।
चूल्हा, गैस सिलिंडर व टीवी भी रखा था। प्रताप सिंह सुबह मजदूरी करने फैक्ट्री में चले गए थे। घर में पत्नी आरती, छह माह का बेटा दिव्यांश, तीन साल की बेटी मनु व पांच साल की बेटी तनु थी। बच्चों को ठंड से बचाने के लिए आरती ने दोपहर करीब तीन बजे परात में लकड़ी से आग लगाई। बच्चों को चारपाई पर कंबल में सुला दिया। परात को चारपाई के पास ही रखकर सामने ही डाई मशीन पर मजदूरी करने चली गईं।
मां के जाने के बाद बच्चों ने अंदर से कमरे का दरवाजा बंद कर लिया। आधा घंटे बाद पड़ोसियों ने कमरे से धुआं उठता देखा। प्रताप सिंह की भाभी प्रेमलता ने बताया कि पहले तो मुहल्ले के लोगों ने कमरे का दरवाजा खोलने का प्रयास किया, नहीं खुला तो पीछे से घुसकर दरवाजा खोला। तनु ही रोती हुई बाहर निकली। वह कमर के नीचे झुलसी हुई थी।
मनु परात के पास झुलसी पड़ी थी। परात की आग में दिव्यांश का जला हुआ शरीर मिला। झुलसी दोनों बहनों को जेएन मेडिकल कालेज ले जाया गया, जहां से मनु को एम्स रेफर कर दिया। तनु की हालत ठीक है, उसका घर पर इलाज चल रहा है। चारपाई की रस्सी और उसके ऊपर रखे कपड़े पूरी तरह जल गए थे। माना जा रहा है कि बच्चों ने परात को चारपाई के नीचे खींच लिया होगा। प्रताप सिंह ने बताया कि बेटी 80 प्रतिशत झुलसी है।

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