Aligarh News: टीबी को हराकर दूसरों को जागरूक कर रहे अलीगढ़ के ये खास चैंपियन
मंगल विहार कालोनी के 31 वर्षीय पवन को तीन वर्ष टीबी हुई। शुरुआत में खांसी हुई थी जिसका निजी चिकित्सक से उपचार कराया मगर आराम नहीं मिला। सरकारी अस्पताल में जांच कराई तो इस बीमारी का पता चला।

अलीगढ़ जागरण संवाददाता। मंगल विहार कालोनी के 31 वर्षीय पवन को तीन वर्ष TB हुई। शुरुआत में खांसी हुई थी, जिसका निजी चिकित्सक से उपचार कराया, मगर आराम नहीं मिला। सरकारी अस्पताल में जांच कराई तो इस बीमारी का पता चला। बन्नादेवी स्थित टीबी यूनिट पर नौ माह तक उपचार चला। अंतत: टीबी को हरा दिया। अब पवन टीबी के खिलाफ केंद्र सरकार की लड़ाई में टीबी चैंपियन के रूप में अन्य रोगियों की मदद कर रहे हैं। लोगों को जागरूक भी कर रहे हैं।
रोग छुपाता हैंं TB रोगी
जिला क्षय रोग अधिकारी डा. अनुपम भास्कर ने बताया कि पवन जैसे 58 टीबी चैंपियन अभियान से जुड़े हुए हैं। आमतौर पर देखा गया है कि टीबी का मरीज समाज में बताना नहीं चाहता कि उसे टीबी की बीमारी है। ठीक होने के बाद भी वह इतनी हिम्मत नहीं जुटा पाते कि लोगों को बताएं कि कभी उन्हें टीबी थी और अब वह एकदम स्वस्थ हैं। वहीं, टीबी चैंपियन ठीक होने के बाद दूसरों को भी जागरूक कर रहे हैं। जिला कार्यक्रम समन्वयक सतेंद्र कुमार ने बताया कि वर्तमान में करीब 7,410 टीबी रोगियों का उपचार चल रहा है। इसमें 6,315 मरीजों को निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत 500 रुपये प्रतिमाह भत्ता भी दिया जा रहा है।
TB की जांच व उपचार निश्शुल्क
जिला कार्यक्रम समन्वयक ने बताया कि टीबी क्लीनिक सहित समस्त सीएचसी/पीएचसी पर टीबी की जांच व दवा निश्शुल्क उपलब्ध है। यदि किसी को एक सप्ताह से ज्यादा समय से खांसी आ रही है। शाम को बुखार आ रहा है और भूख कम लग रही है, तो उसे सर्वप्रथम बलगम की जांच करानी चाहिए। निजी चिकित्सालय में आने वाले मरीजों को टीबी क्लीनिक पर रजिस्टर कराने वाले चिकित्सक को 500 रुपये दिए जाते हैं।

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