Aligarh news : मुखबिरों का तंत्र हुआ कमजोर, सुरक्षा के लिए शहर में कैमरों का 'जाल'
Aligarh news किसी भी अपराधिक घटना को अंजाम तक पहुंचाने के लिए मुखबिरों पर निर्भरता अब पुलिस के लिए बीते दिनों की बात हो गयी। आज पुलिसिंग हाइटेक हो गयी है। इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के कैमरों का जाल बहुत तगड़ा है।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। Aligarh news : वो दौर खत्म होता जा रहा है, जब पुलिसिंग मुखबिरों के भरोसे रहती थी। समय के साथ पुलिसिंग बदलती चली गई। अब सीसीटीवी कैमरे पुलिस का बड़ा हथियार बन गए हैं। इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के कैमरों का जाल इतना तगड़ा है कि नियम तोड़ रहे वाहनों पर तो शिकंजा कसा ही जा रहा है, शातिर भी इनसे बच नहीं पाया है। करीब डेढ़ साल में हर बड़ी घटना में कैमरों ने पुलिस को पहला सुराग दिया, जिसकी मदद से गिरोहों का पर्दाफाश हो सका। सुरक्षा के लिए अलीगढ़ शहर में लगे कैमरों और उनकी मदद से वारदातों के पर्दाफाश पर सुमित शर्मा की रिपोर्ट...
खास बातें
- 172 मामलों का सीसीटीवी कैमरों की मदद से इस साल पर्दाफाश कर चुकी पुलिस।
- 121 वारदातों का पर्दाफाश सीसीसीटीवी की मदद से पिछले साल किया था।
- 31 यात्रियों के टेंपो मे छूटे सामान वापस कराए गए इस साल।
- 21 अपराधियों का हुलिया चिह्नित किया इस साल।
- 1 दुष्कर्म व लूट की घटना का पर्दाफाश करने में की मदद।
- 24 मामले ऐसे, जिनमें सीधे लोग कमांड सेंटर पहुंचे।
कैमरों की मदद से किए पर्दाफाश
अपराध, 2022, 2021
हत्या, 2, 3
लूट, 21, 23
चोरी, 19, 31
फर्जी नंबर वाले वाहन, 28, 19
अपराध में शामिल वाहन, 36, 9
अपहरण, 7, 3
एटीएम कार्ड बदलकर धोखाधड़ी, 1, 1
सुरक्षा के इंतजाम
- 64 स्थानों पर लगे हैं कैमरे।
- 227 कैमरे रख रहे हैं नजर।
- 9 लोगों की टीम कर ही है काम।
- 24 घंटे चालू रहते हैं कैमरे।
- 14 अन्य स्थानों पर लगने का है प्रस्ताव।.
इनका कहना है
कैमरों ने कई केस में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। चालान काटने व यात्रियों का सामान लौटाने जैसे कार्य जारी हैं। टीम 24 घंटे निगरानी कर रही है। कैमरों का विस्तार किया जाएगा।
- कलानिधि नैथानी, एसएसपी