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    हाथरस के इस शिक्षा के मंदिर से निकले छात्रों ने छुआ बुलंदियों को, ये है इसकी विशेषता

    By Anil KushwahaEdited By:
    Updated: Tue, 12 Jul 2022 11:41 AM (IST)

    हाथरस में सरस्‍वती महाविद्यालय का नाम ही उसकी पहचान है। यहां सभी कोर्स पूरी तरह से वित्‍तपोषित हैं। यहां हर साल प्रवेश के लिए मारामारी होती है। सीटों ...और पढ़ें

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    सरस्वती महाविद्यालय का नाम ही उसकी पहचान है।

    हाथरस, जागरण संवाददाता। सरस्वती महाविद्यालय का नाम ही उसकी पहचान है। जिले में यह एक मात्र महाविद्यालय है, जहां पर सभी कोर्स पूरी तरह से वित्तपोषित हैं। बेहद कम शुल्क पर यहां वैज्ञानिक वर्ग में शिक्षा प्रदान की जाती है। इसमें हर साल प्रवेश के लिए मारामारी होती है। सीटों के सापेक्ष तीन गुना आवेदन हर साल आते हैं।

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    महाविद्यालय का इतिहास

    सरस्वती महाविद्यालय उत्तर प्रदेश के प्रमुख शैक्षिक संस्थानों में शामिल होने के साथ ही विज्ञान वर्ग की शिक्षा देने वाली हाथरस की एकमात्र पुरानी संस्था है। इसकी स्थापना 1969 में हुई थी। इससे पहले बच्चों को विज्ञान वर्ग में बीएससी व एमएससी की शिक्षा के लिए मथुरा, अलीगढ़, आगरा या अन्य बड़े शहरों में जाना पड़ता था। इस महाविद्यालय की स्थापना से सबसे अधिक राहत गरीबों को मिली है।

    रैगिंग मुक्त है महाविद्यालय

    सरस्वती महाविद्यालय एकांत व सुरम्य वातावरण में बना है। यहां बच्चों को शांत वातावरण में शिक्षा प्राप्त करने का मौका मिलता है। वैज्ञानिक वर्ग के महाविद्यालयों में रैगिंग बहुत होती है मगर यह महाविद्यालय रैगिंग मुक्त है। रैगिंग रोकने के लिए महाविद्यालय में एंटी स्क्वाड का गठन किया गया है। अनुशासन टीम सक्रिय रहते हुए छात्र-छात्राओं पर नजर रखती है।

    तीन गुना पहुंचते हैं आवेदन

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय अलीगढ़ की नियमावली के अनुसार किसी भी महाविद्यालय में प्रवेश लेने से पूर्व आनलाइन पंजीकरण विद्यार्थियों को कराना होगा। उसके बाद ही संबंधित महाविद्यालय में प्रवेश लेना होगा। महाविद्यालय में स्नातक कक्षाओं में प्रवेश लेने के लिए बहुत मारामारी होती है। यहां सीटों के सापेक्ष तीन गुना आवेदन पहुंचते हैं।

    जज सहित उच्च पदों पर आसीन हैं यहां की पूर्व छात्र

    सरस्वती महाविद्यालय के पूर्व छात्र उच्च पदों पर आसीन हैं। पूर्व छात्र संजय पाठक अमेरिका में साफ्टवेयर इंजीनियर हैं। महावीर प्रसाद लखनऊ सचिवालय में सचिव हैं तो जयप्रकाश बघेल लोकसभा में सिक्योरिटी आफीसर हैं। इस महाविद्यालय के पूर्व छात्र रहे राजेश दिवाकर लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं। इस महाविद्यालय से पढ़े छात्र वैज्ञानिक भी हैं।

    स्नातक में प्रथम सेमेस्टर व परास्नातक कक्षाओं में अनुमानित शुल्क इस प्रकार से है-

    कोर्स, सीट, शुल्क छात्र, छात्रा

    बीएससी गणित, 140, 3369, 3237

    बीएससी बायो, 70, 3587, 3455

    एमएससी, 12, 3942, 3942

    (शुल्क रुपये में)

    स्नातक व परास्नातक कक्षाओं में पढ़ाए जाने वाले विषय

    बीएससी : भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, गणित।

    बीएससी बायो : जंतु विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, रसायन विज्ञान व शारीरिक शिक्षा।

    एमएससी : रसायन विज्ञान।

    इनका कहना है

    महाविद्यालय में विज्ञान वर्ग में शिक्षा प्रदान की जाती है। यह पूरी तरह से वित्तपोषित महाविद्यालय है। प्रवेश के लिए आवेदनों का वितरण शुरू करा दिया गया है। महाविद्यालय में एनएसएस व एनसीसी की सुविधा भी विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध है।

    - डा. अतीत श्रीवास्तव, प्राचार्य