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अलीगढ़ में नीरज की पुण्यतिथि पर गूंजा 'कारवां गुजर गया, गुबार देखते रहे' गीत

शहर में कार्यक्रम आयोजित कर लोगों ने महाकवि की दी श्रद्धांजलि।

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Jul 2021 01:37 AM (IST)Updated: Tue, 20 Jul 2021 01:37 AM (IST)
अलीगढ़ में नीरज की पुण्यतिथि पर गूंजा 'कारवां गुजर गया, गुबार देखते रहे' गीत
अलीगढ़ में नीरज की पुण्यतिथि पर गूंजा 'कारवां गुजर गया, गुबार देखते रहे' गीत

जागरण संवाददाता, अलीगढ़: 'आज भले कुछ भी कह लो तुम, पर कल विश्व कहेगा सारा। नीरज से पहले गीतों में, सब कुछ था पर प्यार नही था।' ऐसे ही थे महकवि डा. गोपाल दास नीरज, जिन्होंने अपनी गीतों व कविता को प्रेम और सौंदर्य से भर दिया। ऐसे गीत लिखे, जो प्राणों और सांसों में समा गए। सोमवार को नीरज की तीसरी पुण्यतिथि थी। प्रशंसकों ने कार्यक्रमों का आयोजन कर उन्हें याद किया। महाकवि को भारत रत्न देने की मांग उठाई गई।

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शिखर संस्था के तत्वावधान में सुरेंद्र नगर स्थित साकेत कालोनी मंदिर परिसर में कार्यक्रम हुआ। शुभारंभ विशाल नारायण शर्मा ने सरस्वती वंदना से किया। वरिष्ठ गजलकार सुरेश कुमार व अशोक अंजुम ने नीरज से जुड़े अनेक संस्मरण सुनाए। कारवां गुजर गया, गुबार देखते रहे.., समेत अन्य कविताएं गुनगुनाई गईं। संचालन कवि हरीश बेताब ने किया। संयोजक डा. सीके आंधीवाल रहे। यहां श्याम सुंदर श्याम, कवि सुधांशु गोस्वामी, जमील अहमद जमील, अनिल वर्मा, आलोक याज्ञनिक, ललित मौजूद रहे।

भारत रत्न देने की मांग, चलेगा अभियान : अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के तत्वावधान में केपी कालेज के सभागार में नीरज की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा व गोष्ठी हुई। जिलाध्यक्ष अशोक सक्सेना, सचिव सुभाष सक्सेना, महामंत्री डा. रजत सक्सेना, मुकेश सक्सेना, युवा प्रदेश अध्यक्ष राज सक्सेना ने नीरज के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी। अशोक सक्सेना व सुभाष सक्सेना ने नीरज के जीवन पर प्रकाश डाला। राज सक्सेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से महाकवि को नीरज को भारत रत्न देने की मांग की। कहा, इसके लिए देशभर में अभियान चलाया जाएगा। संचालन योगेंद्र राज सिंह ने किया। दीप किशोर सक्सेना व अमर बहादुर ने गीतों के माध्यम से नीरज को श्रद्धांजलि दी। अभय कुमार जौहरी, मुकेश सक्सेना, अविनाश सक्सेना, अर्जुन सक्सेना, आनंद सक्सेना मौजूद रहे।

गंगा-जमुनी तहजीब के पक्षधर :

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तारिक ख्वाजा ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि नीरज को गए हुए तीन साल बीत गए, लेकिन ऐसा लगता है कि आज भी हमारे बीच हैं। नीरज महान कवि ही नहीं, समाज सुधारक भी थे। गंगा-जमुना तह•ाीब के पक्षधर थे। पद्मभूषण व पदमश्री मिलने के बाद भी साधारण व्यक्ति की तरह रहे।

अलीगढ़ का नाम किया रोशन : प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के भुजपूरा स्थित कार्यालय पर हुई विचार गोष्ठी में महानगर अध्यक्ष बाबा फरीद आजाद ने कहा कि नीरज ने अलीगढ़ का नाम देश-विदेश में रोशन किया। यहां मजहर उद्दीन, हाजरा बेगम, मोहम्मद हसीन, सीमा मौजूद रहे।

रचनाएं दर्द व प्रेम की अभिव्यक्ति : ओजोन सिटी में चेयरमैन प्रवीण मंगला ने पुण्यतिथि पर नीरज का भावपूर्ण स्मरण किया। उनके साथ बिताए पल को याद कर श्रद्धांजलि दी। कहा, नीरज की रचनाओं में दर्द और प्रेम की अभिव्यक्ति एक साथ देखने को मिलती है। उन्होंने दुनिया को भले ही अलविदा कह दिया हो, लेकिन उनके गीत हमेशा लोगों की जुबां पर रहेंगे। ज्वाइंट मैनेजर संजीव मदान, वाइस प्रेसिडेंट सागर मंगला आदि ने श्रद्धांजलि दी।

सादगी पसंद इंसान थे नीरज : कवि अब्दुल रज्जाक ने कहा कि इतने बड़े कवि व फिल्मी गीतकार होने के बावजूद भी उनके अंदर घमंड नहीं था। बहुत ही सादगी पसंद इंसान थे।

प्रतिमा पर माल्यार्पण : यूथ कांग्रेस के प्रदेश महासचिव आनंद बघेल ने अपने साथियों के साथ नुमाइश ग्राउंड स्थित नीरज-शहरयार पार्क में नीरज की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी। उनके साथ साजिद बेग, डा. राजेंद्र सिंह मौजूद रहे।


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